हल्द्वानी। छह सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने शुक्रवार को रोडवेज बस अड्डे में प्रदर्शन किया। इस दौरान 22 अक्तूबर की आधी रात से 48 घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। वहीं 5नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एवं चक्का जाम की घोषणा भी की गई है। उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के कुमाऊं क्षेत्र के संयोजक एलडी पालीवाल कहा कि निगम के साथ ही नई दिल्ली में कश्मीरी गेट और आनंद विहार में निजी बसों को काउंटर आवंटित किए गए हैं। इससे निगम और सरकार को 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कमल पपनै ने कहा कि निगम के पास केवल 800 बसें हैं। इनमें से करीब 500 बसें जल्द ही नीलाम हो जाएंगी। बीते 8 सालों में केवल 130 छोटी बसें खरीदी हैं, जो अभी तक डिपो को नहीं मिली हैं। उन्होंने निगम से 500 नई बसें खरीदने की मांग की है। मोर्चा के संयोजक सतनाम सिंह ने कहा कि निगम की स्थापना के समय 7,300 नियमित कर्मचारी थे लेकिन अब करीब दो हजार नियमित कर्मचारी ही बचे हैं। उन्होंने 15 से 18 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को तत्काल नियमित करने की मांग की। इस मौके पर जोगिंदर सिंह, गोपेश्वर श्रीवास्तव, भगवान दास, पंकज भटनागर, अविरल गुप्ता, अमित कुमार, राजेश जौहरी, अनिल ठाकुर, अजय भटनागर, जय प्रकाश यादव, गोविंद जोशी, धर्मेंद्र बिष्ट, इकबाल अहमद , नितिन दीक्षित, विश्वास सिंह, अख्तर चौधरी, मोहम्मद इमरान, सुभाष चंद्र, सूरज बाबू, मनोज भट्ट, कतील अख्तर, प्रदीप शर्मा, रघुवीर चौधरी, कैलाश कांडपाल, हेम बेलवाल आदि मौजूद रहे।
ये हैं मांगें
– 10 साल से अधिक समय से कार्यरत विशेष श्रेणी, संविदा चालक-परिचालकों, तकनीकि कर्मियों को नियमित किया जाए।
– निजी बसों को राष्ट्रीयकृत राजमार्गों पर परमिट देने की अधिसूचना रद की जाए।
– परिवहन निगम में 500 नई बसें (130 बसों को छोड़कर) खरीदी जाएं।
– दिल्ली आनंद विहार एवं कश्मीरी गेट से अवैध बसों का उत्तराखंड के लिए संचालन बंद किया जाए।
– नैनीताल बस अड्डा परिवहन निगम को तत्काल वापस किया जाए।
– उत्तराखंड के विभिन्न शहरों से चल रहे डग्गामार वाहनों पर रोक लगाई जाए।