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राज्यपाल ने किया  विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूहों व किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन  

अनुराग गुप्ता

 

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) की मौजदूगी में हर्षिल में आयोजित “वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन”  में सीमांत क्षेत्र में हो रहे उल्लेखनीय बदलावों के साथ ही इस इलाके के अनूठे सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश की बहुरंगी व जीवंत तस्वीर देखने को मिली।
हर्षिल में आयोजित  “वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा सम्मेलन” में विभिन्न विभागों के साथ ही स्वयं सहायता समूहों वं किसानों के द्वारा आयोजित प्रदर्शनी में खेती-बागवानी, पर्यटन, स्वरोजगार के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों और संभावनाओं को प्रदर्शित करने के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों व महिलाओं के उल्लेखनीय प्रयासों व सामर्थ्य को भी सामने रखा गया। राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए खेती किसानी के तौर-तरीके में हो रहे बदलावों की बारीकी से जानकारी ली और सेब उत्पादकों से भेंट करने के साथ ही इस क्षेत्र में उत्पादित सेब की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी देखा व जमकर सराहा। सेब प्रदर्शनी में रॉयल, रेड व गोल्डन डेलीशियस, सेड व सुपर चीफ, गाला, ऑर्गन स्पर, किंगरोट, जेरोमाईन, स्कारलेट, फ्यूजी प्रजाति के साथ ही प्रसंस्करण उद्योग में काम आने वाले सेब की रायमर, बकिंघम, फैनी व जोनाथन आदि किस्मों के सेब की रंगत व लज्जत ने दर्शकों को अपनी तरफ खूब आकर्षित किया। ट्रैकिंग व पर्वतारोहण पर आधारित प्रदर्शनी के जरिए इस क्षेत्र में साहसिक पर्यटन की निरंतर बढ़ती गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की राज्यपाल ने जानकारी ली। खेती-बागवानी के काम में आने वाले यंत्रों व ड्रोन के साथ ही किसानों के विभिन्न उत्पादों के स्टॉल पर जाकर राज्यपाल ने बागवानी को बढावा देने की योजनाओं एवं स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों को सराहा। राज्यपाल ने महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की भी प्रशंसा करने के साथ ही बगोरी गांव की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए ऊनी वस्त्रों व अन्य उत्पादों की भी जानकारी ली।
इस मौके पर पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित बगोरी, हर्षिल, धराली, मुखवा, झाला, जसपुर, पुराली व सुक्खी गांव से आई महिलाओं व अन्य ग्रामीणों ने फूल और ऊनी अंगवस्त्र भेंट कर राज्यपाल का भव्य स्वागत किया। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट के द्वारा भी राज्यपाल को गंगोत्री मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई।
राज्यपाल के स्वागत में रा.इ.का हर्षिल की छात्राओं के स्वागत गान की प्रस्तुति के साथ ही बगोरी व झाला गांव की महिलाओं सहित सूचना विभाग के सांस्कृतिक दलों के द्वारा पारंपरिक नृत्यों की मनोरम प्रस्तुतियां दी गईं। क्षेत्र के समृद्ध सांस्कृतिक फलक से अभिभूत राज्यपाल ने लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया।
इस आयोजन के बाद राज्यपाल ने जनजाति बाहुल्य गांव बगोरी में ग्रामीणों से भेंट की और ऊन व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं के उत्पादों को भी देखा। राज्यपाल ने बगोरी गांव की एक वृद्ध महिला को अपनी तरफ से भेंट भी प्रस्तुत की। राज्यपाल को अपने बीच पाकर बगोरी गांव के निवासी अत्यंत प्रफुल्लित दिखे।

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