Hamarichoupal,07,04,2025
अल्मोड़ा।वर्तमान ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत पेयजल की आपूर्ति के संबंध में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने आज जलापूर्ति से संबंधित अधिशाषी अभियंताओं के साथ बैठक की। कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की किल्लत न हो, इसके लिए पर्याप्त तैयारियां की जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति सुनिश्चित किए जाने हेतु गंभीरता से प्रयासरत है। इसके लिए जल जीवन मिशन के माध्यम से बड़ी- बड़ी योजनाएं भी धरातल पर उतरी हैं। इन योजनाओं का संचालन इस प्रकार किया जाए कि लोगों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े। जिलाधिकारी ने कहा कि जहां नौलों या धारों से जलापूर्ति होती है, उन क्षेत्रों में गर्मी बढ़ने से ग्रीष्मकाल में पानी की ज्यादा किल्लत होती हैं। इसलिए ऐसे क्षेत्रों का चयन कर टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए प्लान तैयार कर लिया जाए। कहा कि टैंकरों से होने वाली जलापूर्ति में मितव्ययिता का ध्यान रखा जाए। टैंकरों को रिफिल करने के लिए ऐसे केंद्र चयन किए जाएं, जो संबंधित क्षेत्र के निकट हो। उन्होंने कहा कि जहां जहां से पेयजल किल्लत की शिकायत आती है, उन शिकायतों का त्वरित निदान कर जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए। लोगों के लिए ऐसी व्यवस्था बनाएं कि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
इस दौरान जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधूरी योजनाओं की धीमी प्रगति के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कड़े निर्देश दिए कि जल्द से जल्द कार्यों को पूरा किया जाए तथा लोगों को इनका लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जो योजनाएं सुचारू हो गई हैं, उनमें ऑपरेटर की तैनाती अनिवार्य रूप से करे। कहीं से भी ऐसी शिकायत नहीं आए कि योजना बन जाने के बाद भी ऑपरेटर की कमी के कारण लोगों का उसका लाभ नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, अधीक्षण अभियंता जल निगम दीपक मालिक, अधिशाषी अभियंता जल संस्थान अल्मोड़ा नीरज तिवारी, रानीखेत सुरेश ठाकुर, जल निगम ई ई अल्मोड़ा अशोक स्वरूप, सिंचाई खंड अल्मोड़ा के अधिशाषी अभियंता मोहन सिंह रावत समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।