देहरादून, 06अप्रैल 2025: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय,भारत सरकार 7-8 अप्रैल, 2025 को देहरादून, उत्तराखंड में चिंतन शिविर 2025 का आयोजन कर रहा है। इस दो-दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन में सामाजिक न्याय और कल्याणकारी पहलों का संपूर्ण मूल्यांकन करने के लिए देश भर के विशेषज्ञ और हितधारक इकट्ठा होंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना, केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय में सुधार लाना और जमीनी स्तर पर सरकारी सेवाओं का प्रभावी और समावेशी वितरण सुनिश्चित करना है।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार करेंगे। इसके अलावा, इस आयोजन में माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्री रामदास आठवले और माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्री बी एल वर्मा भी उपस्थित रहेंगे। उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री, श्री पुष्कर सिंह धामी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा,इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के 21 मंत्रियों के भाग लेने की उम्मीद है।
इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, राज्य समाज कल्याण विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और विकास एवं वित्त निगमों के प्रमुख भाग लेंगे। चिंतन शिविर 2025 का उद्देश्य सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सशक्तिकरण की बाधाओं को दूर करके न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के मंत्रालय के मिशन को आगे बढ़ाना है।

इस विचार-विमर्श में लाभवंचित समूहों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच बढ़ाने, कौशल निर्माण को बढ़ावा देने और स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करने की कार्यनीतियों पर बल दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों, सफाई कर्मचारियों और बेघर या भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों जैसे समुदायों की गरिमा, पुनर्वास और समावेश सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
चिंतन शिविर में विचार विमर्श के दौरान मंत्रालय के विजन और मिशन पर भी चर्चा की जाएगी, जो मानव सम्मान, अधिकार-आधारित समर्थन और समान अवसर पर केंद्रित है। इस चर्चा में राज्य-स्तरीय नवाचारों, समुदाय-आधारित सफल मॉडलों और प्रभावशाली नीति कार्यान्वयन के लिए केंद्र-राज्य सहयोग को सुदृढ करने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रमुख विकास और वित्त निगमों द्वारा की जाने वाली प्रस्तुतियां ऐतिहासिक रूप से वंचित समूहों के बीच वित्तीय समावेशन और उद्यमशीलता को दर्शाएंगी। इस विचार-विमर्श में सामाजिक लेखापरीक्षा और डिजिटल प्रणालियों के माध्यम से अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के लिए तंत्र को भी शामिल किया जाएगा।
इस सम्मेलन का समापन राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों के मंत्रियों के विचारों के साथ होगा, जिसमें एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया जाएगा, जहां प्रत्येक व्यक्ति को – चाहे उसकी जाति, आयु, लिंग या क्षमता कुछ भी हो – आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
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