रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। सावन के पहले सोमवार को लेकर जनपद में स्थित शिवालयों में भक्तों में खासा उत्साह देखा गया और बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने भगवान का जलाभिषेक किया। बारिश के बावजूद भक्तों में भगवान के प्रति अटूट आस्था देखी गई। इधर, नदी किनारे स्थित शिवालयों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। एसडीआरएफ और जल पुलिस यहां तैनात थी।सावन के पवित्र महीने के प्रथम सोमवार पर केदारनाथ धाम में प्रदेश की सुख, शांति, समृद्धि एवं ऐश्वर्य के लिए विशेष पूजा-अर्चना की गई। केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने समस्त देशवासियों को श्रावण मास की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पवित्र सावन मास भगवान शिव की आराधना का महापर्व है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग इस दिव्य हिमाचल के उतुंग शिखर पर विराजमान है जहां सतयुग से ही अब तक निरंतर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ और प्रमुख तीर्थ कोटेश्वर में भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ देखी गई। मुख्यालय स्थित रुद्रनाथ, कोटेश्वर, पुंडेश्वर महादेव में भक्तों की सुबह से ही भीड़ लगी रही। जबकि पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी, सूर्यप्रयाग, गंगतल महादेव के साथ ही रूच्छ महादेव आदि शिवालयों में भक्त सुबह से ही जलाभिषेक को पहुंचे। कोटेश्वर में प्राचीन गुफा में दर्शन के लिए भक्तों की सुबह 4 बजे से लाइन लगी रही। अलकंनदा में स्नान कर जल भरते हुए भक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस मौके पर भक्तों की सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ, पुलिस और जल पुलिस नदी किनारे मौजूद रही। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ धाम में महाराष्ट्र के नासिक से केदारनाथ धाम पहुंचे संविदानंद मंडलेश्वर ने बताया कि केदारनाथ धाम में पूर्ण श्रावण मास का अनुष्ठान किया जा रहा है जो बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, तीर्थ पुरोहित समाज तथा जिला प्रशासन के सहयोग से संपंन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा एक माह तक अनुष्ठान किया जाएगा जिसमें प्रतिदिन 30 हजार वस्तुओं को ईश्वर को समर्पित किया जाएगा। इनमें हर रोज 3100 फलों का अर्पण किया जाएगा जिन्हें चढ़ावे के बाद दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। उन्होंने इस अनुष्ठान को विशेष बताते हुए कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य पूरे विश्व की शांति, सद्भाव एवं कल्याण करना है। केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि श्रावण मास के पहले सोमवार को ब्रह्म कमल से भगवान शिव की आराधना की गई। उन्होंने श्रावण मास की शुभकामनाएं देते हुए सभी के कल्याण की मंगल कामना की है।
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