देहरादून। उत्तराखण्ड में भू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि यहां पूरा जंगल काट कर पेड़ों को वही जमीन में दबा दिया गया और जमीन में प्लाटिंग कर दी गयी। इस मामले की जानकारी जब वन विभाग के अधिकारियों को मिली तो वहां जेसीबी चलाकर विभागीय अधिकारियों ने लकड़ी बाहर निकाली। अधिकारियों को यहां पांच दर्जन से अधिक पेड़ों के दबाये जाने की जानकारी मिली है।
मामला देहरादून वन प्रभाग के झाजरा रेंज के माण्डूवाला का है। झाजरा रेंज की रेंजर दीक्षा बिजल्वाण ने समाचार एजेंसी आरएनएस को बताया कि उनको जानकारी मिली कि माण्डूवाला में एक जमीन में माफियाओ ने प्लाटिंग करने के लिए कई हरे पेड़ों को काट कर वहीं दबा रखा है और वहां प्लाटिंग की जा रही है। इस पर उन्होंने पहले इस सूचना को पुख्ता करने के लिए उस स्थान की सेटेलाईट इमेज देखी तो पता चला कि वहां पहले घना जंगल था लेकिन अब वहां अब पेड़ गायब हैं । इस मै उन्होंने विभागीय रिकार्ड चेक किया की क्या विभाग की ओर से पेड़ों के कटान की अनुमति दी गयी थी या फिर जमीन पर प्लाटिंग करने वाले लोगों ने बिना परमिशन के ही वहां से पेट काट डाले। इस पर उन्हें पता चला कि विभाग की ओर से ऐसी कोई अनुमति जारी ही नहीं की गयी। फिर रेंजर दीक्षा ने अपने उच्च अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी और अग्रिम कार्रवाई की बात कही। इस पर विभागीय अधिकारियों ने वहां जेसीबी से खुदाई कराने को कहा। इसी कड़ी में गुरूवार को वहां जेसीबी से खुदाई की गयी तो वहां से पेड़ निकलने लगे। ये पेड़ पूरे के पूरे वहां दफन किए गये थे।
रेंजर के अनुसार उस पूरी जमीन की अभी खुदाई जारी रहेगी, वहां और अधिक पेड़ होने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही राजस्व विभाग को भी जमीन की पैमाईश के लिए पत्र लिखा जा रहा है कि यह भूमि किसके स्वामित्व की है। इसके बाद यहां कार्रवाई की जाएगी। उन्हेांने बताया कि पेड़ों को देखकर लगता है कि ये पेड़ एक साल से अधिक समय से दबे हुए हैं। यहां आज पांच साल और एक सागौन का पेड़ मिला है जबकि कुछ पेड़ों की टहनियां भी मिली है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला उच्च अधिकारियों को भी बता दिया गया है।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस मामले मे पूर्व में इस रेंज में तैनात एक अधिकारी की मिली भगत की बात सामने आ रही है। यहां इस अधिकारी ने सूचना के बाद भी कार्रवाई नही की।
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