ऋषिकेश(आरएनएस)। श्रीजयराम संस्कृत महाविद्यालय में बुधवार को उपनयन संस्कार का आयोजन किया गया, जिसमें नव प्रवेशी 51 ऋषिकुमारों को विधि-विधान के साथ उपनयन धारण करवा कर सत्र 2024-25 के लिए महाविद्यालय में प्रवेश दिया गया। वेदाचार्य मायाराम रतूड़ी ने विधि-विधान और मंत्रोचार के साथ 51 बंटुकों का उपनयन संस्कार किया और उन्हें जनेऊ धारण कराया गया। इसके बाद इन बंटुकों ने जयराम आश्रम के अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज से आशीर्वाद लिया। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि सभी ऋषिकुमारों को भारतीय संस्कृति का अनुसरण करना, व्यवहार, भोजन और संस्कार सभी को शुद्ध रखकर हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से समाज का कल्याण करना होगा। उन्होंने कहा कि नवांगतुक सभी ऋषिकुमार संस्कृत एवं संस्कृति की समृद्धि का संकल्प लेकर अपने पूर्वजों एवं माता-पिता एवं गुरुजनों की ख्याति को आगे बढ़ाएं। जीवन में विद्या-धन ही सर्वश्रेष्ठ धन है, जो कभी चोरी नहीं किया जा सकता। विद्या का कोई भार नहीं होता, बांटने पर विद्या और बढ़ती है। मौके पर आश्रम के ट्रस्टी विनोद अग्रवाल, अशोक शर्मा, अशोक रस्तोगी, राजेश शर्मा, मदन मोहन शर्मा, प्रबंधक बीएम बडोनी, प्रदीप शर्मा, सत्येन्द्र भट्ट, दर्शन लाल गैरोला, मुनीश कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य विजय जुगलाण, अध्यापक विनोद प्रसाद गैरोला, हंसराज भट्ट, सूर्यप्रकाश रतूड़ी, अंजना उनियाल, पूजा शर्मा, मनीष नौगाईं आदि उपस्थित रहे।
श्रीजयराम संस्कृत महाविद्यालय में हुआ उपनयन संस्कार का आयोजन किया
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