Thursday , November 21 2024

मेेरा ऐसा कहने का भाव नही था बल्कि यह मेरा पुराना स्वभाव था : मनोज श्रीवास्तव

15,12,2021,Hamari Choupal

हर कर्म में युक्तियुक्त होने का अर्थ है योगयुक्त होना। यदि योगयुक्त नही है तब कर्म भी युक्तियुक्त नही होगा। कभी बोल में युक्तियुक्त नही होगा तथा कभी कर्म में युक्तियुक्त नही होगा। यदि कर्म युक्त युक्तियुक्त नही है तो कठिन परिश्रम करते हुए भी लक्ष्य के समीप किसी न किसी कारण से रूक जाते है।
योग युक्त रहने की सरल विधि है अपने को सारथी और साक्षी समझ कर चलना। सारथी और साक्षी बनने की स्मृति इगो अर्थात अंहकार से मुक्त बना देती है। ऐसा व्यक्ति सहज योग युक्त बन जाता है, जिसके कारण उसका हर कर्म योग युक्त और युक्तियुक्त स्वतः हो जाता है। स्वयं को सारथी समझ कर चलने से हमारी कर्मेदिन्या कन्ट्रोल में रहती है। अर्थात इससे लक्ष्य और लक्षण की मंजिल को समीप लाने की कन्ट्रोलिंग पावर आ जाती है।

यदि दुनिया के आकर्षण के वशीभूत हो जाते है जिससे एक बात में वशीभूत होने से अनेक भूत प्रवेश कर जाते है, क्योकि इन भूतों की आपस में बहुत युनिटी है। एक भूत आने पर अन्य सभी भूतों का आहवान करने लगता है। इससे हम सारथी से स्वार्थी बन जाते है। लेकिन जब पुनः सारथीपन की स्मृति आती है तो भूतों को भगाने के लिए युद्ध करने लगते है। युद्ध की स्थिति को योगयुक्त स्थिति नही कह सकते है।

सारथी बनना अर्थात सैल्फ रिस्पेक्ट में रहना। सारथी बन कर हम देह अभिमानी से आत्म अभिमानी बन जाते है। वास्तव में आत्मा ही सारथी है और शरीर इसका रक्त है। सारथी बन जाने पर हम देह के अधीन नही होते है इसलिए चलते फिरते चेक करें कि हम सारथीपन की स्थिति में है। ऐसा नही है कि सारा दिन बीत जाय और फिर रात में चेक करें। यदि सारा दिन बीत गया तो बीता हुआ समय सदैव कमाई से दूर हो गया। इसलिए गॅवा कर होश में नही आना चाहिए। अतः इसका स्वतः नेचुरल संस्कार बनाये।

जब पुराने संस्कार के वश में हो जाते है तो जो नही करना चाहते है वह कर लेते है। अर्थात उल्टा कर्म कर लेते है। इसलिए संस्कारों की चेकिंग जरूरी है। यदि चेक करते रहेंगे तब यह नही कहेंगे कि मेेरा ऐसा कहने का भाव नही था बल्कि यह मेरा पुराना स्वभाव था।

सदैव यही लक्ष्य रखें कि पहले मै। ईर्ष्या में पहले मै नही। क्योकि यह नुकसान करती है। श्रेष्ठ कर्म में पहले मै बनना है।
अव्यक्त बाप-दादा, महावाक्य मुरली, 09 दिसम्बर 1989

About admin

Check Also

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार वितरण के साथ गौचर मेले का हुआ समापन  

चमोली(आरएनएस)। 72वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेला-2024 बुधवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पुरस्कार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *