केला वात पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करता है. चूंकि वात बिगडऩे से करीब 80 तरह की बीमारियां हो सकती हैं.ऐसे में केला खाने से इन सभी से बचा जा सकता है.हालांकि, कई बार केला खाना नुकसान कर सकता है.
केला वात पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करता है. चूंकि वात बिगडऩे से करीब 80 तरह की बीमारियां हो सकती हैं.ऐसे में केला खाने से इन सभी से बचा जा सकता है.हालांकि, कई बार केला खाना नुकसान कर सकता है.
केला खाने से एक-दो नहीं बल्कि 80 तरह की बीमारियां दूर हो सकती है. यह काफी पौष्टिक और फायदेमंद फल है. इसे खाने से शरीर ताकतवर बनता है और कई तरह समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है.
हालांकि, कई बार यह खतरनाक भी हो सकता है और सेहत को नुकसान पहुंचाने लगता है. यही कारण है कि आयुर्वेद में कुछ लोगों को केला खाने से मना किया जाता है. आइए जानते हैं किन लोगों को केला भूलकर भी नहीं खाना चाहिए…
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, केला सेहत का सच्चा दोस्त होता है. यह पौष्टिक तत्वों का खजाना होता है. इसमें विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, मैंगनीज, विटामिन बी 6, एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन, फेनोलिक्स, डेल्फिडिनिन, रुटिन और नारिंगिन पाया जाता है, जो वात पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करते हैं.
आयुर्वेद कहता है कि वात के बिगडऩे से करीब 80 तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसमें ड्राइनेस, हड्डियों में गैप, कब्ज जैसी कई समस्याएं हैं. इसलिए केला खाने से इन सभी से बचा जा सकता है.
वैसे तो केला हर किसी को फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, आयुर्वेद के अनुसार, केले की प्रकृति ठंडा होता है और यह पचने में हैवी होता है. केला लुब्रिकेशन का काम भी करता है. अगर किसी की बॉडी ड्राई रहती है या हमेशा थकान लगती है तो उसे केला खाना चाहिए. इसके अलावा अच्छी नींद न आने, गुस्सा आने, बहुत प्यास लगने, शरीर जलन होने पर केला खाना चाहिए.
आयुर्वेद के मुताबिक, केला कफ दोष को बढ़ा देता है. इसलिए जिनका कफ ज्यादा है, उन्हें केला गलती से भी नहीं खाना चाहिए. क्योंकि कफ के बढऩे से जठराग्नि कमजोर है तो यह उसे स्लो कर देगा. अगर किसी की चर्बी ज्यादा है, खांसी-जुकाम की समस्या है और कोई दमा का मरी है तो उसे केला नहीं खाना चाहिए.
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