बागेश्वर(आरएनएस)। जिले में दो दिन से बागेश्वर रेंज के पालड़ी का जंगल जल रहा है। चीड़ का पिरुल आग में घी का काम कर रहा है। गरुड़, कपकोट और बागेश्वर रेंज के जंगल लगातार अंतराल में जल रहे हैं। इन जंगलों में आए दिन आग की घटनाएं हो रही हैं। इससे आसपास के वातावरण में भी धुंध छाने लगी है। लोगों ने वन विभाग से आग पर काबू पाने और जंगलों में आग लगाने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मालूम हो कि 15 फरवरी से 15 जून का तक फायर सीजन होता है। इसके लिए वन विभाग फरवरी पहले सप्ताह में बैठक कर वनाग्नि रोकने के लिए योजना बनाता है। इतना ही नहीं इसके लिए संविदा में अलग से फायर वॉचर भी तैयार किए जाते हैं। क्रू सेंटरों की स्थापना की जाती है। इस सबके बावजूद जिले के जंगल सुरक्षित नहीं है। पिछले एक सप्ताह से आग की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। बुधवार से बागेश्वर रेंज का पालड़ी का जंगल लगातार जल रहा है। इस जंगल में चीड़ अधिक है। आग से वन विभाग को नुकसान हो रहा है। लोगों ने वन विभाग से जंगल की आग पर काबू पाने की मांग की है। रेंजर एसएस करायत ने बताया कि जंगल की आग पर काबू पाने के लिए वन कर्मी लगे हैं। जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा।
साढ़े तीन हेक्टेयर वन जल चुके चार घटनाओं में
वन विभाग के मास्टर कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार 15 फरवरी से 18 अप्रैल तक जंगल में आग लगने की आठ घटनाएं हुई हैं। इसमें नौ हेक्टेयर जंगल अब तक जल चुके हैं। साथ ही करीब 15 हजार रुपये का विभाग को नुकसान हुआ है। हालांकि, ग्रामीणों के मुताबिक वनाग्नि की घटनाएं अधिक हुई हैं।
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