विकासनगर(आरएनएस)। खराब मौसम और जोरदार बारिश के बाद शनिवार देर रात चकराता की ऊंची चोटियों पर सीजन का चौथा हिमपात हुआ। इसके साथ ही छावनी बाजार में भी तीसरी बर्फ गिरी। स्थानीय लोगों का कहना है कि 2019 में दो दशक बाद मार्च में हिमपात हुआ था। अब पांच साल बाद शनिवार को मार्च में हिमपात हुआ है। रविवार सुबह नौ बजे कुछ देर के लिए चकराता में धूप खिली, लेकिन कुछ ही देर में मौसम बदला और जमकर बारिश होने लगी। दोपहर डेढ़ बजे एक बार फिर सूर्य के दर्शन हुए। पूरा दिन मौसम बदलता रहा।
बारिश और ओलावृष्टि के बाद शनिवार से ही क्षेत्र में ठंड बढ़ गई है। शनिवार देर रात ऊंची चोटियों लोखंडी, लोहारी, खंडबा, देववन, व्यास शिखर, चोरानी, बुधेर समेत छावनी बाजार में भी हिमपात हुआ। रात को हुए हिमपात से लोखंडी क्षेत्र में तीन इंच तक बर्फ जम गई। देववन, खडंबा, मुंडाली, मोयला टॉप में चार से छह इंच तक बर्फ जमी है। जबकि चकराता बाजार में आधा इंच बर्फ पड़ी। स्थानीय बुजुर्ग शेर सिंह चौहान, मेहर सिंह, एमएस राणा आदि का कहना है की उन्होंने पूर्व में लगातार 10 दिन तक बर्फ गिरते देखी है। लेकिन इस वर्ष अच्छी बर्फबारी न होने से बहुत नुकसान हुआ है। बताया कि लोखंडी में 1969 में अप्रैल माह में बिस्सू के दिन भी बर्फ गिरी थी। वर्ष 2019 में चार मार्च को बर्फ पड़ी थी।
उधर, ऊंची चोटियों पर हुई बर्फबारी से चकराता में पारा गिरने से सर्दी और बढ़ गई है। रविवार को अधिकतम तापमान छह डिग्री और न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री पर पहुंच गया। इसके साथ ही लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ग्रामीण घरों में कैद होकर रह गए हैं। रविवार को अवकाश पर सर्दी और बारिश के कारण खरीदारी के लिए लोग बाजारों में नहीं पहुंचे। इससे चकराता छावनी बाजार समेत सहिया, क्वांसी, नागथात आदि बाजार भी सुनसान नजर आए।
Check Also
चमोली में 6 सौ काश्तकार मत्स्य पालन कर मजबूत कर रहे अपनी आजीविका
चमोली(आरएनएस)। जिले में 6 सौ से अधिक काश्तकार मत्स्य पालन के जरिये अपनी आजीविका को …