AnuragGupta,06,02,2024
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक मंगलवार को राज्य विधानसभा में पेश होने के बाद, उत्तराखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने मंगलवार को कहा कि वे यूसीसी के खिलाफ नहीं हैं। आर्य ने सदन में कामकाज के संचालन के नियमों की अनदेखी के लिए भाजपा की आलोचना की और आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष संख्या बल के आधार पर विधायकों की आवाज दबाना चाहता है।
नेता प्रतिपक्ष ने एएनआई से कहा, ‘हम इसके (समान नागरिक संहिता) के खिलाफ नहीं हैं। सदन कार्य संचालन के नियमों द्वारा चलाया जाता है, लेकिन बीजेपी लगातार इसकी अनदेखी कर रही है और संख्या बल के आधार पर विधायकों की आवाज को दबाना चाहती है।’ आर्य ने आगे कहा, ‘कहा प्रश्नकाल के दौरान सदन में अपने विचार व्यक्त करना विधायकों का अधिकार है, चाहे उनके पास नियम 58 या अन्य नियमों के तहत कोई प्रस्ताव हो, उन्हें विधानसभा में राज्य के विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने का अधिकार है।’
उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार यूसीसी विधेयक पर तत्काल चर्चा चाहती है, जबकि किसी के पास इसका ड्राफ्ट नहीं है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार यूसीसी विधेयक पर तत्काल चर्चा चाहती है, जबकि किसी के पास इसकी मसौदा प्रति नहीं है। रावत ने कहा, ‘राज्य सरकार और मुख्यमंत्री इसे पारित कराने के लिए बहुत उत्सुक हैं और नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है… किसी के पास ड्राफ्ट की कॉपी नहीं है और वे इस पर तत्काल चर्चा चाहते हैं… केंद्र सरकार एक संवेदनशील राज्य का उपयोग कर रही है। अगर वे उत्तराखंड की तरह सांकेतिक तौर पर यूसीसी लाना चाहते हैं तो इसे केंद्र सरकार द्वारा लाया जाना चाहिए था।’
वहीं सीएम धामी ने कहा कि यह गर्व का क्षण है कि उत्तराखंड यूसीसी लागू करने की दिशा में सबसे पहला कदम उठाएगा। सीएम धामी ने एक्स पर लिखा, ‘देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किया जाएगा। यह सभी राज्यवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम यूसीसी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।’