सर्दी के मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ना सिर्फ इंफेक्शन बल्कि कई ऐसी बीमारियां होती है जिनका नाम तक शायद आपने नहीं सुना होगा. उन्हीं में से एक है कोल्ड इनटॉलरेंस. जी हां यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर ठंडा पड़ जाता है और आपको बहुत ज्यादा ठंड लगती है. इतना ही नहीं कोल्ड इनटॉलरेंस होने से खून की कमी से लेकर थायराइड की बीमारी भी हो सकती है, आइए आज हम आपको बताते हैं कोल्ड इनटॉलरेंस के बारे में.
क्या होता है कोल्ड इनटॉलरेंस
डॉक्टर्स का मानना है कि अगर किसी इंसान को बहुत ज्यादा ठंड लगती है या कोई व्यक्ति कोल्ड टेंपरेचर के लिए काफी सेंसिटिव होता है, तो इस स्थिति को कोल्ड इनटॉलरेंस कहा जाता है. सिर्फ सर्दी के मौसम में नहीं ऐसे लोगों को कूलर, एसी या हवा के पास बैठने पर भी सर्दी का एहसास होता है और कई बार कोल्ड इनटॉलरेंस लोगों को सीत की समस्या भी होने लगती है.
कब होती है कोल्ड इनटॉलरेंस की समस्या
कोल्ड इनटॉलरेंस की समस्या क्यों होती है? तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि हमारी बॉडी का जो टेंपरेचर है वह अलग-अलग सिस्टम से कंट्रोल किया जाता है. दिमाग में मौजूद हाइपोथैलेमस शरीर के तापमान को रेगुलेट करने के लिए थर्मोस्टेट के तौर पर काम करता है. यह दिमाग को मैसेज भेजता है जिसकी मदद से बॉडी में हीट प्रोडक्शन या कोल्ड प्रोडक्शन को कंट्रोल किया जाता है.
कोल्ड इनटॉलरेंस से कैसे बचें
अब बात आती है कि कोल्ड इनटॉलरेंस की समस्या से कैसे बचा जाए, तो इसके लिए जिन लोगों को बहुत ज्यादा ठंड लगती है उन्हें गर्म कपड़े पहनकर ही पूरे समय रहना चाहिए. इतना ही नहीं पूरी बॉडी को वार्मर से कवर करें और उसके ऊपर अपने रेगुलर कपड़े पहनें. अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो आप सॉफ्ट वूलन का इस्तेमाल करें, क्योंकि कई बार कोल्ड इनटॉलरेंस की समस्या के कारण शरीर में चकत्ते भी पडऩे लगते हैं.
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