अक्सर किसी खास मौके पर मीठे के बिना सेलिब्रेशन अधूरा-अधूरा सा लगता है. बहुत से लोग तो मीठा खाने का बहाना ढूंढते रहते हैं.उन्हें मीठा काफी पसंद होता है. हालांकि, इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है. फलों, सब्जियों, अनाज और डेयरी प्रोडक्ट्स में नेचुरल शुगर पाई जाती है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होती है लेकिन आर्टिफिशियल शुगर या एडेड शुगर से मोटापा, डायबिटीज और दिल की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है. जरूरत से ज्यादा मीठा सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है.
2014 के पब्लिश एक स्टडी में बताया गया है कि जरूरत से ज्यादा चीनी खाने से मोटापा, हार्ट डिजीज, फैटी लीवर और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. पिछले कुछ अध्ययनों में भी पता चला है कि एडेड शुगर शरीर के नेचुरल ब्लड शुगर के लेवल बढ़ा देती है. इससे कई लोग प्री-डायबिटिक भी हो जाते हैं.
शुगर क्रेविंग कैसे कंट्रोल करें
अपनी डाइट में मीठा सीमित मात्रा में रह रखें. मीठा खाने वालों के लिए इसे कंट्रोल करना अतना आसान नहीं होता है. उन्हें बार-बार मीठा खाने की क्रेविंग हो सकती है. जिसको लेकर हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कुछ उपाय बताए हैं. एक्सपर्ट्स ने बताया कि आंत के बैक्टीरिया में असंतुलन से मीठा खाने की क्रेविंग होती है. जब हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है तो मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है. ऐसे में मीठे की क्रेविंग कम करने के लिए हाई फाइबर फूड्स फायदेमंद हो सकते हैं. क्योंकि ये हेल्दी गट माइक्रोबायोम को बढ़ावा देकर क्रेविंग को कम करते हैं.
शुगर क्रेविंग कंट्रोल करने क्या खाएं
रिफाइंड शुगर की बजाय फलों के सेवन से पेट के माइक्रोबायोम मैनेज होते हैं. इससे क्रेविंग कम करने में मदद मिलती है. हाई फाइबर वाले फलों में सेब, नाशपाती, केला, संतरा, कीवी, स्ट्रॉबेरी, आड़ू, आलू बुखारा, आम, तरबूज और अमरूद का सेवन फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर दिन 6 चम्मच से कम चीनी का सेवन करने और लाइफस्टाइल को सही रखने से इसके खतरे को कम किया जा सकता है.
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