देहरादून(आरएनएस)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में छावनी परिषद, देहरादून की “दून स्वच्छता संगोष्ठी रिपोर्ट-2023” का अनावरण किया। यह रिपोर्ट देहरादून छावनी परिषद द्वारा आयोजित प्रथम स्वच्छता चौपाल पर आधारित है। फरवरी माह में आयोजित इस संगोष्ठी में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य कर रही देशभर की 51 कंपनियों, स्टार्टअप और स्वयं सहायता समूहों ने प्रतिभाग कर अपशिष्ट प्रबंधन में अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया था। इस रिपोर्ट में उत्तराखंड में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता प्रौद्योगिकी और विकल्पः अवसर व चुनौतियां और स्वच्छता स्टार्टअप व इनोवेशन का उभरता हुआ परिदृश्य आदि विषयों पर प्रकाश डाला गया है। साथ ही संगोष्ठी में आयोजित परिचर्चाओं को भी सम्मिलित किया गया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि यह एक सराहनीय पहल है और इस डॉक्यूमेंट को सभी निकायों और जनप्रतिनिधियों को प्रेषित किया जाय। उन्होंने कहा कि यह अभियान यहीं नहीं रुकना चाहिए, इस तरह के कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाएं। चर्चा के दौरान राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन हरिद्वार में भी आयोजित किए जाएं, जिससे वहां पर लोग स्वच्छता के प्रति अधिक जागरूक हो सकें। हरिद्वार में साल भर में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं यदि हम हरिद्वार को स्वच्छ और साफ-सुथरा रखेंगे तो यहां आने वाला प्रत्येक पर्यटक एक सकारात्मक छवि लेकर जाएगा। उन्होंने इस दिशा में विशेष प्रयास की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित सीएसआर का सहयोग लिया जाय।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन पर्यटन को आगे बढ़ाने के लिए हमें हमारे पर्यटक स्थलों पर साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है। हमारे धार्मिक एवं पर्यटक स्थल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में और अधिक वृद्धि होगी, जिसके जरिए प्रदेश की आर्थिकी में भी वृद्धि होगी। इस अवसर पर कैंट बोर्ड के अध्यक्ष ब्रिगेडियर संजोग नेगी, सीईओ अभिनव सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल उपस्थित रहे।
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