देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सोमवार को राजपुर रोड स्थित राष्ट्रीय जल सर्वेक्षण कार्यालय में नौसेना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस वर्ष नौसेना दिवस की थीम ‘‘समुद्री क्षेत्र में परिचालन एवं तत्परता से मिशन की सफलता’’ है। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रथम द्विभाषीय नौसंचालन मानचित्र का लोकार्पण किया।
राज्यपाल ने देशवासियों को नौसेना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना पर हम सब को गर्व है। उन्होंने कहा कि आज के दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना के ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की उपलब्धियों को भी याद करने का दिन है।
राज्यपाल ने कहा कि जिस ट्रांसफ़ॉर्मेशन, डिजिटलिटी के साथ भारतीय नौसेना काम कर रही है, वह हम सब के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक, कठोर प्रशिक्षण और रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से परिचालन दक्षता को अनुकूलित करने के लिए भारतीय नौसेना का समर्पण प्रशंसनीय है।
राज्यपाल ने कहा कि समुद्री क्षेत्र में भारतीय नौसेना राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता और अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि मा. प्रधानमंत्री जी के भारत को आत्मनिर्भर बनाने के स्वपन को भारतीय नौसेना अपने कौशल से साकार करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज नौसेना दिवस के अवसर पर सिंध दुर्ग से मा. प्रधानमंत्री जी ने छत्रपति शिवाजी महाराज जी के समुद्री क्षेत्र की जानकारी और कौशल की महत्ता का वर्णन कर एक प्रकार से हमें नौसेना और हमारी विराट विरासत से आत्मसात करवाया है।
इस दौरान प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, चीफ़ हाइड्रोग्राफ़र, वॉइस एडमिरल अधीर अरोड़ा ज्वाइंट चीफ़ हाइड्रोग्राफ़र, रियल एडमिरल लोचन सिंह पठानिया, उत्तराखण्ड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल आर. प्रेमराज समेत नौसेना एवं भारतीय सेना के अफ़सर मौजूद रहे।
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