देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने को सब्सिडी योजना शुरू कर दी है, जिसमें घरेलू उपभोक्ताओं को 100 से 500 लीटर प्रतिदिन क्षमता के संयंत्र लगाने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी, जबकि गैर घरेलू उपभोक्ताओं को 500 से 2000 लीटर क्षमता के संयंत्र लगाने 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने की योजना चलाई थी। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं 60 प्रतिशत और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत सब्सिडी दी गई। 2014 के बाद योजना बंद की गई। प्रदेश सरकार ने बिजली की खपत को कम करने और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए दोबारा से योजना शुरू की है।
ग्रिड बिजली की खपत में कमी आएगी: घरेलू उपभोक्ता अपने घरों में 100 से 500 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर संयंत्र स्थापित कर 50 प्रतिशत सब्सिडी ले सकते हैं। व्यावसायिक उपभोक्ताओं को होटल और अन्य आवासीय भवनों में 500 से 2000 लीटर क्षमता के संयंत्र लगाने पर 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे ग्रिड बिजली की खपत में कमी आएगी।
साथ ही कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कम होगा। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवेदनों को स्वीकृति दी जाएगी। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने योजना लागू करने के लिए शासनादेश जारी किया है।
100 लीटर क्षमता के संयंत्र से प्रति वर्ष 1350 यूनिट बिजली की बचत: 100 लीटर क्षमता का सोलर वाटर हीटर संयंत्र लगाने से एक साल में 1,350 यूनिट बिजली की बचत होगी। प्रति यूनिट तीन रुपये की दर से उपभोक्ताओं को सालाना 4,050 रुपये का लाभ होगा। इसके अलावा 1.5 टन कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। सर्दियों के मौसम राज्य में बिजली की मांग बढ़ जाती है, जिससे यूपीसीएल को महंगी दरों पर बाहर से बिजली खरीदनी पड़ती है। मांग के अनुरूप से बिजली उपलब्ध न होने की स्थिति में रोस्टिंग की जाती है।
संयंत्र की क्षमता:
(लीटर) अनुमानित लागत (रुपये)
100 21,000
200 34,000
300 48,000
400 66,000
500 79,000
1000 1,64,000
2000 3,22,000