उत्तरकाशी(आरएनएस)। उत्तरकाशी टलन हादसे में आखिरकार नौवें दिन गुड न्यूज सामने आई है। पिछले 9 दिनों से टनल के अंदर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे 41 लोगों की जान बचाने की आस जागी है। सिलक्यारा सुरंग में ड्रिलिंग कर रहे रहे रेस्क्यू टीम के हाथ सफलता लगी है। रेस्क्यू टीम की कड़ी मेहनत की वजह से टनल के अंदर 6 इंच की पाइप लाइन पहुंच गई है। टनल के अंदर फंसे लोगों तक अब पर्याप्त ऑक्सीजन, खाद्य सामग्री आसानी से पहुंच पाएगी। बीती रात 12 बजे से जारी ड्रिलिंग के बाद आज शाम साढ़े तीन बजे के करीब छह इंच के पाइप का दूसरा सिरा मलबे के पार मजदूरों के पास पहुंच गया है। इसके साथ ही ऑगर मशीन के जरिए टनल के भीतर एस्केप पाइप टनल बनाने की उम्मीद और भी ज्यादा मजबूत हो गई। आज देर रात से ऑगर मशीन को शुरू करने की तैयारी है। दो रोज पहले रेस्क्यू टीम ने मलबे के भीतर छह इंच का पाइप लाइन बनाने का काम शुरू किया था। 40 मीटर तक मलबे में ड्रिल होने के बाद पाइप ने आगे बढ़ना बंद कर दिया था। एक सख्त वस्तु के बीच में आ जाने की वजह से पाइप की दिशा बदल गई थी। रात करीब 12 बजे नए पाइप लेकर नए सिरे से ड्रिलिंग शुरू कर दी गई थी। सोमवार सुबह से ही ड्रिलिंग पर एक्सपर्ट नजर बनाए हुए थे। सुरंग के अंदर ड्रिलिंग करते हुए हर एंगल पर गंभीरता से विचार किया गया और आखिरकार रेस्क्यू टीम को कामयाबी मिली है। दूसरी ओर, टनल के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। अच्छा खाना भी मिलेगा और ज्यादा आक्सीजन भी
सुरंग के अंदर 6 इंच की पाइप लाइन बनने से भीतर फंसे लोगों को थोड़ी और राहत मिलने लगेगी। अब तक मजदूरों के साथ चार इंच के पाइप के जरिए संपर्क किया जा रहा था।इसी से आक्सीजन और सूखे मेवे आदि भेजे जा रहे थे। छह इंच की नई पाइप से दाल, चावल, रोटी, सब्जी भी भेजे जा सकेंगे।
पहाड़ी के ऊपर ड्रिलिंग के लिए प्लेटफार्म तैयार
टनल के ऊपर पहाड़ी पर ड्रिलिंग करने के लिए शुरूआती तैयारी पूरी कर ली गई है। वहां पर स्थान को चिह्नित कर प्लेटफार्म तैयार किया गया है। पहाड़ी तक पहुंचने के लिए 1500 मीटर के रास्ते में अब तक 1200 मीटर रास्ता बना लिया गया है। कंपन बढ़ने की वजह से कुछ समय के लिए रास्ता बनाने के काम को रोका गया है। दूसरी तरफ, बड़कोट की दिशा से टनल में ड्रिलिंग का काम शुरू किया जा चुका है।
Check Also
जिज्ञासा यूनिवर्सिटी में बहुविश्यक शोध को बढ़ावा देते सम्मेलन का समापन
शोध को प्रभावी बनाने हेतु बहुविषयक अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिज्ञासा विश्वविद्यालय …