नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान हैं। हवा खराब होने से दिल्लीवालों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है। पिछले पांच दिनों से हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ है। दिल्ली- एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान(ग्रेप) का पहला और दूसरा चरण पहले से ही लागू कर दिया गया है। आज यानी 1 नवंबर से दिल्ली में डीजल बसों की एंट्री बैन कर दी गई है। साथ ही अब दिल्ली के कई इलाकों में निर्माण कार्य पर भी रोक लगने जा रहा है। अगर इसी तरह पलूशन बढ़ता रहा तो ग्रेप का तीसरा और चौथा चरण भी लागू किया जा सकता है। गौरतलब है कि चौथे चरण में नियम ‘लॉकडाउन’ जैसे हैं।
इन इलाकों में निर्माण कार्य पर लगेगी रोक
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के जिन इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया जाएगा, वहां निर्माण कार्य पर रोक लगा दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में गत कुछ दिनों से एक्यूआई 350 के आसपास दर्ज किया जा रहा है और मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्थिति तापमान में गिरावट और हवा की मंद गति की वजह से है।
गोपाल राय ने कहा, ‘यह परिस्थिति आने वाले कुछ दिन तक बनी रहेगी, इसलिए आने वाले कुछ दिन दिल्ली के लिए अहम हैं। इसलिए दिल्ली सरकार उन इलाकों के एक किलोमीटर के दायरे में निर्माण कार्य रोक देगी, जहां लगातार पांच दिनों तक एक्यूआई 400 अंक से अधिक होगा।
‘लॉकडाउन’ की ओर बढ़ रही दिल्ली!
1 अक्टूबर से दिल्ली में डीजल बसों पर बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा अब निर्माण कार्य पर भी रोक लगाया जाएगा। ऐसे में GRAP के तीसरे और चौथे चरण के नियम लागू होने की आशंका जताई जा रही है। तीसरे चरण में बीएस-4 तक के डीजल वाहनों पर बैन लगा दी जाएगी। निर्माण और विध्वंस कार्य पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी, सिर्फ आवश्यक कार्यों को अनुमति दी जाएगी। चौथे चरण के नियम ‘लॉकडाउन’ जैसे हैं। इसमें सभी सरकारी-गैर सरकारी स्कूल बंद कर दिए जाएंगे। ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएंगी। सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वालों को फ्रॉम होम का आदेश दे दिया जाएगा। इसके अलावा सभी तरह के निर्माण कार्य पर भी बैन लग जाएगा।
अब तक की पाबंदियां
दिल्ली- एनसीआर में ग्रेप के पहले और दूसरे चरण के नियम लागू हैं। इसके तहत कई पाबंदियां लगाई गई हैं। जैसे कि, डीजल से चलने वाले जेनरेटर (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) पर रोक, तंदूर में कोयले और लकड़ी जलाने पर रोक, पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी जिससे कि लोग सरकारी बस और मेट्रो का इस्तेमाल करें, गाड़ी से निकलने वाले धुएं पर जुर्माना, पानी का छिड़काव, आदि। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने नोडल अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने सभी विभागों और निवासी कल्याण संघों (आरडब्ल्यूए) को निर्देश दिया है कि वे सुरक्षा गार्ड को हीटर दें ताकि उन्हें सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाने से रोका जा सके।
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