पाचन संबंधी समस्याओं के लिए केला खाना अच्छा माना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि केले में हाई पोषण होता है. साथ ही साथ इसमें फाइब, विटामिन बी6 और पोटेशियम की मात्रा सबसे अधिक होती है. हेल्थ एक्सपर्ट से लेकर रिसर्च कहते हैं कि केला हाई कार्बोहाइड्रेट और एनर्जी से भरपूर होता है.
केला आप नाश्ते के रूप में भी ले सकते हैं
एक्सरसाइज करने से पहले या नाश्ते में केला खाना एक बेस्ट ऑप्शन है. लेकिन आप रोजाना कितने केले खा रहे हैं यह सबसे महत्वपूर्ण है. केले में पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी 6, सी, एंटीऑक्सिडेंट और कैरोटीनॉयड और फ्लेवोनोइड जैसे फाइटोकेमिकल्स से युक्त पोषक तत्व होते हैं जो एक पावरहाउस की तरह काम करता हैं.
दिल की बीमारी के जोखिम को करता है कम
केला पाचन को अच्छा करने के साथ-साथ दिल की बीमारी के जोखिम को भी दूर रखता है. इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है. केला से बीपी भी कंट्रोल में रहता है और यह हाई बीमी के जोखिम को कम करने में मदद करता है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक पोटेशियम से दिल की बीमारी का जोखिम 27 प्रतिशत तक कम हो सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक केला में फाइबर होता है जो वजन घटाने में मदद कर सकता है. क्योंकि यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करने में मदद करता है.
माइग्रेन
केले, खासकर अगर ठीक से न छीले जाएं, तो उनमें टायरामाइन नामक पदार्थ होता है, जो माइग्रेन को तुरंत ट्रिगर करता है.
रिपोर्ट के अनुसार, टायरामाइन को इसके निर्माण के तरीके के कारण मोनोमाइन कहा जाता है. हमारे शरीर के अंदर, मोनोमाइन ऑक्सीडेज (रू्रह्र) नामक एक एंजाइम होता है जो टायरामाइन जैसे मोनोमाइन को तोड़ता है. यह एंजाइम टायरामाइन से निपटने में मदद करता है. इसलिए, यदि आप माइग्रेन से पीडि़त हैं और आपके शरीर में पर्याप्त एमएओ नहीं है, तो टायरामाइन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपको सिरदर्द हो सकता है.
भार बढऩा
केले की मध्यम मात्रा आपके स्वास्थ्य और वजन घटाने के लक्ष्य के लिए अच्छी है. हालांकि, केले को कैलोरी से भरपूर माना जाता है. इसलिए, जहां यह भूख से राहत दिलाने में मदद करता है. वहीं यह वजन बढऩे का एक प्रमुख कारण भी बन जाता है. हालांकि, एक दिन में आपको कितने केले खाने चाहिए या नहीं खाने चाहिए इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है, लेकिन प्रति दिन 1-2 केले पर्याप्त माने जाते हैं.
गैस्ट्रिक समस्या
केले में घुलनशील फाइबर, फ्रुक्टोज और अधिक कार्बोहाइड्रेट और कम मात्रा में पानी होता है. इसलिए, जब केले का अधिक सेवन किया जाता है, तो इससे कब्ज और गैस्ट्रिक समस्याएं हो सकती हैं. हैरानी की बात यह है कि बहुत अधिक केला खाने से कब्ज के दिक्कत के साथ नींद की समस्या भी हो सकती है. ऐसा केले में ट्रिप्टोफैन नामक तत्व के कारण होता है. यह एक अमीनो एसिड है जिसका उपयोग शरीर प्रोटीन और सेरोटोनिन जैसे महत्वपूर्ण अणुओं को बनाने के लिए करता है. जो मूड और नींद की कमी को बढ़ाता है. केले में विटामिन बी6 होता है.
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