Hamarichoupal
पैर में मोच आना एक तरह की अंदरूनी चोट है। इसमें पैर के ऊतक और हड्डियों से जुड़े रेशे अपनी नियमित क्षमता से अधिक खिंच जाते हैं।ऐसा अमूमन चलते-फिरते या फिर खेलकूद के दौरान पैर मुड जाने पर होता है। इसके कारण असहनीय दर्द और सूजन का सामना करना पड़ सकता है।आइए आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताते हैं, जो पैर की मोच के कारण होने वाली समस्याओं को प्रभावी ढंग से दूर कर सकते हैं।
इलास्टिक पट्टी लपेटें
जब भी आपके किसी पैर में मोच आए तो पहले 72 घंटों में पर्याप्त आराम जरूर करें।आप चाहें तो इस दौरान प्रभावित पैर को इलास्टिक पट्टी से लपेटकर या ब्रेस पहन सकते हैं और उसकी सुरक्षा कर सकते हैं। ध्यान रखें कि पट्टी आरामदायक और टाइट लगे, लेकिन इतना टाइट नहीं कि इससे रक्त की आपूर्ति बंद हो जाए।इसे तब तक दोहराएं जब तक कि आपके पैर को अच्छा सहारा और आराम महसूस न हो जाए।
आइसपैक का करें उपयोग
आइसपैक लगाने से प्रभावित पैर के दर्द और सूजन को कम करने समेत मांसपेशियों की ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है।लाभ के लिए आप तौलिए में कुछ बर्फ के टुकड़ों को लपेटकर प्रभावित पैर पर फेरे। आप चाहें तो बर्फ के ठंडे पानी में एक तौलिया डुबोकर चोट वाली जगह पर रख भी सकते हैं।यहां जानिए घर पर आइसपैक बनाने के 5 सरल तरीके।
जैतून के तेल से करें मालिश
जैतून के तेल में फेनोलिक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो पैरों में आई मोच के कारण होने वाले दर्द और सूजन को दूर कर सकते हैं।लाभ के लिए सबसे पहले जैतून के तेल को हल्का गर्म कर लें और फिर इसे मोच से प्रभावित पैर पर लगाकर कुछ मिनट धीरे-धीरे मालिश करें।इससे पैर की मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द के साथ-साथ सूजन भी दूर होती है।
सेंधा नमक भी है प्रभावी
सेंधा नमक का उपयोग भी पैर की मोच को ठीक करने में मदद कर सकता है।इसका कारण है कि सेंधा नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो दर्द और सूजन निवारक की तरह काम कर सकते हैं।लाभ के लिए एक बाल्टी में गुनगुना पानी भरकर उसमें आधा कप सेंधा नमक मिलाएं। अब पैरों को करीब 20-30 मिनट तक इस पानी में डालकर रखें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।
हल्के व्यायाम करें
पैर में मोच आने के बाद व्यायाम करना कोई आसान काम नहीं है।हालांकि, कुछ दिनों के आराम के बाद हल्के व्यायाम से स्थिति में सुधार हो सकता है।अगर आपकी मोच हल्की है तो आप पैर पर वजन डालना शुरू कर सकते हैं, लेकिन अगर यह गंभीर है तो आपकी गतिशीलता कम से कम 5-6 सप्ताह तक प्रभावित हो सकती है और इस पर किसी भी तरह का वजन डालने से बचें।