हरिद्वार। पतंजलि विवि के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि देवभूमि के साथ पूरे देश की नारी को सशक्त करने में पतंजलि हमेशा से आगे रहा है। मातृ शक्ति की रक्षा मानवीय मूल्यों और सभ्यता को बचाने के लिए जरूरी है। यह बात उन्होंने सोमवार को पतंजलि विवि में आयोजित कार्यशाला में कही।
‘महिला सशक्तिकरण एवं पोषणयुक्त भविष्य एक स्वच्छ एवं सम्पोषकीय दृष्टिकोण विषय पर पतंजलि विश्वविद्यालय के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला हुई। जिसमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने आचार्य बालकृष्ण के साथ शिक्षा एवं संस्कार और नारी सशक्तिकरण की भावी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मंत्री ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार के विभिन्न प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने ‘सशक्त नारी ही सशक्त भारत है का संदेश दिया। भारतीय शिक्षा बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि आज पूरे विश्व में महिला सशक्तिकरण केंद्र में है क्योंकि इसके बिना राष्ट्र निर्माण संभव नहीं है।
विवि के प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल ने राष्ट्र निर्माण में महिलाओं के योगदान को याद करते हुए भेदभाव के दृष्टिकोण को समाप्त करने का संकल्प करवाया। पतंजलि अनुसंधान संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रिया आर्या ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर स्मरण किया। उन्होंने नारी के सशक्तिकरण में स्वामी दयानंद सरस्वती के योगदान पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर संगीत, योग नृत्य, शास्त्रीय नृत्य और योग के विभिन्न स्वरूप की मनमोहक प्रस्तुतियां भी हुई। विविध प्रतियोगिताओं में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ. आरती पाल ने किया। जिसमें पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, पतंजलि अनुसंधान संस्थान सहित पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विवि के कुलानुशासक स्वामी आर्षदेव, विभिन्न संकायों के अध्यक्ष शामिल रहे।
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