नैनीताल,10 ,11,2021,Hamari Choupal
एक दिन पूर्व ही भोपाल के हमदिया अस्पताल में आग लगने से चार बच्चों की मृत्यु हो गई। नैनीताल में भी कई सरकारी व निजी संपत्तियों में बड़ी आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद अग्निशमन विभाग चेतने का नाम नहीं ले रहा। बीडी पांडे अस्पताल व महिला अस्पताल में यदि इस तरह की अनहोनी हुई तो आग से बचाव के यहां कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं।
जिला अस्पताल की स्थिति यह है कि अस्पताल में आग बुझाने के लिए पानी के हाईड्रेंट तक उपलब्ध नहीं है। अस्पताल के ऊपरी मंजिल से नीचे पहुंचने को केवल संकरी सीढ़ियां एकमात्र रास्ता हैं। अस्पताल की दीवारों पर आग बुझाने के उपकरण तो लगाए गए हैं। पर इन पर एक्सपायरी डेट अंकित नहीं की है। अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस धामी ने बताया अस्पताल में मानक के अनुसार हर स्थान पर अग्निशमन उपकरण स्थापित किए गए हैं। इनका समय-समय पर निरीक्षण भी होता है। हाईड्रेंट की जरूरत भी है जिसे स्थापित करने को दो माह पहले ही प्रस्ताव बनाकर भेजा है। आने और जाने का एक ही रास्ता: हल्द्वानी के निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने और अस्पताल के पास सीमित जमीन होने के चलते रास्तों को कम कर दिया गया है। शहर के ज्यादातर अस्पतालों के भीतर जाने और बाहर आने का एक रास्ता है। ऐसे में हादसा होने की स्थित में मरीज के बाहर निकलना मुश्किल होगा।