ऋषिकेश। गंगानगर में 15 दिन बाद भी बरसाती पानी की निकासी नहीं होने पर लोगों ने हंगामा कर दिया। प्रभावित परिवार शनिवार को नगर निगम में प्रदर्शन करते हुए बाढ़ सुरक्षा की समीक्षा बैठक में पहुंच गए। उन्होंने जल निकासी और राहत कार्यों में लापरवाही का आरोप लगाते हुए मेयर और निगम के अधिकारियों के सामने ही उनके खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। जल निकासी के त्वरित इंतजामों का भरोसा मिलने के बाद प्रभावित घरों को लौटे। शनिवार को नगर निगम में बाढ़ सुरक्षा कार्यों की बैठक चल रह थी। इस दौरान मेयर और एसडीएम के साथ संबंधित महकमों के अधिकारी चर्चा कर रहे थे। इसी बीच गंगानगर में जलभराव से प्रभावित लोग पूर्व पालिका वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्यारेलाल जुगरान की अगुवाई में आ पहुंचे। उन्होंने सभागार के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वह सभागार के भीतर आ गए। नगर निगम प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रभावितों ने सभगाार में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। 15 दिन बाद भी आबादी से बरसाती पानी की निकासी नहीं होने पर प्रभावित सभागार में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। बोले एक-दो पंप से महज एक घंटे पानी की निकासी की जा रही है। लोगों के घर अभी भी बरसाती पानी में डूबे हुए हैं। उन्हें रिश्तेदारों के यहां आसरा लेने को मजबूर होना पड़ रहा है। डेंगू और संक्रमण फैलने का खतरा अलग से है। करीब एक घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन में मेयर अनिता ममगाईं ने उन्हें त्वरित निकासी की व्यवस्था का भरोसा दिलाया। प्रभावितों को राहत सामग्री के साथ मुआवजा देने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया, इसके बाद प्रभावित लौट गए। प्रदर्शन में पार्षद उमा राणा, गिरिश प्रसाद सकलानी, सरला देवी, ललित कुमार गुप्ता, विमला देवी, एके मित्तल, मीना थापा, कल्पना, रचना, दीपा, सवित्री, विनेाद हरिश आनंद, राजेंद्र भोला, प्रेम सिंह सैनी, विपिन चौहान, मानवेंद्र सिंह भंडारी, शिव प्रसाद कुकरेती, मीरा भट्ट, सुरेंद्र सिंह कैंतुरा, बबीता देवी, नंदा रावत, पूनम अरोड़ा, नमिता सोती, कलावती राणा, पूनम गुसाईं, धर्मा देवी, उमा, रेखा गुड्डी देवी आदि रहे।
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