रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग में घायलवस्था एवं भारी पीड़ा में सामान ढो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए यहां तैनात सेक्टर अधिकारी, म्यूल टास्क फोर्स व डीडीआरएफ के जवान देवदूत बन रहे हैं। जहां भी घोड़े-खच्चर दयनीय हालत में दिखे रहे हैं उन्हें शीघ्र उपचार के लिए भेजा जा रहा है। वहीं यात्रा मार्ग में निरीक्षण के दौरान जो घोड़े-खच्चर बीमार एवं घायल हुए हैं ऐसे 3730 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है। जबकि 15651 घोड़े-खच्चरों का निरीक्षण किया गया है। यात्रा के लिए 469 घोड़े-खच्चर अयोग्य पाए गए। जबकि 215 घोड़े-खच्चर मालिकों एवं संचालकों का चालान किया गया है। 16 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार के निर्देशों पर केदारनाथ यात्रा मार्ग में तैनात सेक्टर अधिकारियों एवं संबंधित टीमों द्वारा यहां संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है जबकि निरंतर चैकिंग की जा रही है। जो घोड़े-खच्चर घायल एवं लंगड़ा के चल रहे हैं उनको तत्काल यात्रा मार्ग से हटाकर उपचार के लिए भेजा जा रहा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि पशु क्रूरता में 16 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इधर, सेक्टर अधिकारी गौरीकुंड अनिल कुमार ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में निगरानी और चेकिंग के दौरान पीठ में घाव व पैर में चोट के कारण लंगड़ा कर चल रहे घोड़े-खच्चरों को उपचार के लिए भेजा गया है। जबकि संचालकों एवं मालिकों पर चालान की कार्यवाही की जा रही है। बीते दिनों जिलाधिकारी ने केदारनाथ यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में घायल एवं बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन न हो इसके लिए सेक्टर एवं सहायक सेक्टर अधिकारी व म्यूल टास्क फोर्स व डीडीआरएफ की टीम को संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की कड़ी निगरानी करते हुए चैकिंग के निर्देश दिए हैं।
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