Friday , November 22 2024

उत्तराखंड : नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी,

देहरादून,31,10,2021,Hamari Choupal

उत्तराखण्ड के विभिन्न सरकारी विभागों मे नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधडी कर करोडों रुपये हडपने के मामले का पटेलनगर पुलिस ने खुलासा केरते हुए गिरोह के मुख्य सदस्य को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्यों द्वारा अलग-अलग व्यक्तियों से धोखाधडी कर करोड़ो रुपये ठगे गए। गिरोह के सदस्य स्वयं को सचिवालय मे बडा अधिकारी बताकर धोखाधडी करते थे और आवेदकों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाते थे।।
पुलिस के अनुसार आशीश कुमार पुत्र राम गोपाल निवासी गौशाला नदी रोड मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश द्वारा एक प्रार्थना पत्र कोतवाली पटेलनगर पर दिया गया, जिसमे उनके द्वारा अभियुक्त कमल किशोर पाण्डेय, मनोज नेगी, चेतन पाण्डेय, ललित बिष्ट द्वारा वादी एवं वादी के सगे सम्बन्धियों की उत्तराखण्ड के सरकारी विभाग मे नौकरी दिलाने का झाँसा देकर कुल 6200000/- (बासठ लाख रुपये) की धनराशि हडपने, कमल किशोर पाण्डेय द्वारा प्रशासनिक अधिकारी व ललित बिष्ट द्वारा सचिवालय मे सचिव के पद पर व मनोज नेगी द्वारा खुद को अपर सचिव के पद पर नियुक्त बताने एवं धनराशि प्राप्त कर फर्जी नियुक्ति पत्र देना अंकित किया गया । जिस पर थाना पटेलनगर पर मु0अ0स0 536/2021 धारा 420/406/467/468/471 भादवि बनाम कमल किशोर पाण्डेय आदि 4 आरोपियों के विरूद्ध पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना उ0नि0 देवेन्द्र कुमार गुप्ता के द्वारा सम्पादित की जा रही है।

प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस उप महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून जनमेजय खण्डूड़ी द्वारा घटना का शीघ्र अनावरण एवं अभियुक्त गणो की गिरफ्तारी हेतु आदेश-निर्देश जारी किये गये, जिसके क्रम मे पुलिस अक्षीक्षक नगर एवं सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर के निकट पर्यवेक्षण मे प्रभारी निरीक्षक कोतवाली पटेलनगर देहरादून द्वारा स्वंय के नेतृत्व मे अलग-अलग पुलिस टीम गठित की गई ।

पुलिस टीम द्वारा वादी व अन्य पीडित व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ की गई । वादी/पीडितों तथा अभियुक्तगणो के मोबाइल नम्बर व बैंक खातों की जानकारी प्राप्त की गई । मोबाइल नम्बरों की कॉल डिटेल प्राप्त की गई, उनका अवलोकन करने पाया गया कि अभियुक्त गणो द्वारा घटना की तिथि को वादी / पीडितों से वार्ता की गई है एवं विभिन्न घटना स्थलो पर वादी व अभियुक्त गणो की लोकेशन एक ही स्थान पर होना पाया गया । अभियुक्त गणो के खातों की बैंको से लेन-देन का विवरण प्राप्त करने पर अभियुक्त गणो के खातों वादी/पीडितों द्वारा समय-समय पर लाखों रुपये जमा कराना पाया गया एवं अभियुक्त गणो के खातों से करोडों रुपये का लेन-देन होना पाया गया । अभियुक्त गणो के विरुद्व पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर मुखबिर तन्त्र मजबूत करते हुए अभियुक्त गणों के सम्भावित ठिकानों पर दबिश दी गई, किन्तु अभियुक्त लगातार फरार होना पाये गये एवं मोबाइल फोन स्विच आफ होना पाये जाने पर पुलिस टीम द्वारा कडी मेहनत कर अभियुक्त गणो के परिचितों / परिजनों, दोस्तो व अन्य व्यक्तियों से अभियुक्त गणो के सम्बन्ध मे जानकारी प्राप्त की गई, जिसके परिणाम स्वरुप कल दिनांक 30-10-2021 को गिरोह के सरगना व मुख्य आरोपी कमल किशोर पाण्डेय को त्यागी रोड संगम होटल के पास से गिरफ्तार किया गया, अभियुक्त से गहनता से पूछताछ करने पर उसके व उसके अन्य सदस्यों द्वारा सचिवालय मे अपने आप को बडा अधिकारी बताकर कई व्यक्तियों से उत्तराखण्ड के विभिन्न सरकारी विभागो में नौकरी दिलाने के नाम पर करोडों रुपये लेना स्वीकार किया गया । इसके अतिरिक्त अभियुक्त कमल किशोर पाण्डेय द्वारा आवेदको को इण्टरव्यू के लिए सचिवालय व विधानसभा ले जाना एवं आवेदको को फर्जी नियुक्ति पत्र देना स्वीकार किया गया। अभियुक्त को आज मा0न्यायालय मे पेश किया जायेगा । सचिवालय/विधानसभा के अन्य लोगों की भी संलिप्तता होने की सम्भावना है।
अभियुक्त कमल किशोर पाण्डेय से पूछताछ करने पर बताया कि मैने बी-टैक की शिक्षा प्राप्त की है मैने 2015 से 2019 तक मर्चेन्ट नेवी रिक्रूटमेन्ट का काम किया है। मै ललित बिष्ट व मनोज नेगी को काफी समय से जानता हूँ ।

मेरा भाई सूचना विभाग मे हेड क्लर्क के पद पर नियुक्त है। ललित बिष्ट की पत्नी पीडब्लूडी विभाग मे प्रशासनिक अधिकारी के पद पर नियुक्त है । मनोज नेगी उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम पौडी मे सविंदा पर नियुक्त है, जिस कारण हम सभी लोगों का सचिवालय मे आना जाना लगा रहता था, हमें सचिवालय व विधानसभा की अच्छी जानकारी थी । मैने ललित बिष्ट व मनोज नेगी के साथ मिलकर लोगों को सरकारी नौकरी क्लर्क के पद पर लगाने का झाँसा देकर पैसा कमाने की योजना बनाई । मैं वर्ष 2018 में एक विवाह समारोह मे मनीष कुमार से मोती बाजार मे मिला, मैने उनसे उनकी नौकरी लगवाने की बात कही, जिसके पश्चात मनीष कुमार द्वारा अपने भाई, साले व अन्य लोगो को नौकरी लगवाने के लिए कहा, जिस पर मैने मनीष कुमार व अन्य लोगों से आईएसबीटी, विधान सभा के पास कई बार मुलाकात की व प्रत्येक अभ्यर्थी की विभिन्न सरकारी विभागों मे नौकरी लगाने के एवज मे 6,50,000/- (छः लाख पचास हजार रुपये) प्रत्येक से लेना तय हुआ जिसके लिए मैने ललित बिष्ट व मनोज नेगी की सहायता से विभिन्न विभागों के फर्जी फार्म मनीष कुमार को भेजे और प्रति अभ्यर्थियों की नौकरी लगाने के लिए तय की गई धनराशि के हिसाब से 10 अभ्यर्थियों से 6200000/- रुपये प्राप्त किये गये जिसमें से मैने कुछ अकाउन्ट मे व कुछ नकद प्राप्त किये, इसके बाद मैने ललित बिष्ट व मनोज नेगी की सहायता से कुछ अभ्यर्थियों के सचिवालय व विधानसभा के खाली पडे केविन मे इण्टरव्यू कराये, इण्टरव्यू मनोज नेगी सचिव बनकर व ललित बिष्ट अपर सचिव बनकर लेता था । इण्टरव्यू के बाद हमने फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कर अभ्यर्थियों को दिये और उनका दून अस्पताल मे मेडिकल कराया । कुछ समय पश्चात हमारे द्वारा पद निरस्त होने का बहाना बनाया गया और उनके पैसे वापस करने में जानबूझ कर टालमटोल करते रहे । हम तीनों ने अपने हिस्सो के रुपये काम के हिसाब से बाँटे । इसके अतिरिक्त हम तीनों ने मिलकर अन्य कई लोगो से भी इसी प्रकार नौकरी लगाने के एवज मे करोड़ों रुपये लिये गये है ।
पुलिस ने कमल किशोर पाण्डेय पुत्र स्व0 गिरीश चन्द्र पाण्डेय निवासी 56/14 सर्कुलर रोड जनपद देहरादून को गिरफ्तार कर लिया। जबकि ललित बिष्ट व मनोज नेगी की तलाश जारी है।

About admin

Check Also

चमोली में 6 सौ काश्तकार मत्स्य पालन कर मजबूत कर रहे अपनी आजीविका

चमोली(आरएनएस)। जिले में 6 सौ से अधिक काश्तकार मत्स्य पालन के जरिये अपनी आजीविका को …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *