हल्द्वानी/जयपुर,10,03,2025 हल्द्वानी की प्रख्यात रचनाकार और सामाजिक कार्यकर्ता ललिता कापड़ी को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों और समाज सेवा के लिए प्रतिष्ठित ‘संपर्क अपराजिता सम्मान’ से नवाजा गया। यह सम्मान देशभर में सामाजिक और साहित्यिक गतिविधियों में अग्रणी संपर्क संस्थान द्वारा महिला दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
साहित्यिक योगदान के लिए मिला सम्मान
कार्यक्रम में ललिता कापड़ी के उत्कृष्ट आलेख ‘टाटा और उनकी विदाई’ को निर्णायक मंडल द्वारा द्वितीय स्थान प्रदान किया गया, जिसके तहत उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। ललिता कापड़ी पिछले तीन वर्षों से संपर्क संस्थान जयपुर से जुड़ी हैं और मानद सचिव के रूप में विभिन्न साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
सम्मान प्राप्त करने के बाद ललिता कापड़ी ने कहा,
“यह सम्मान न केवल मेरे लिए बल्कि हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान दे रही हैं। संपर्क संस्थान के साथ जुड़कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का जो अवसर मिला, वह मेरे लिए गर्व की बात है।”
‘होली के रंग, संपर्क के संग’ – भव्य आयोजन
कार्यक्रम के तहत ‘होली के रंग, संपर्क के संग’ समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें फूलों की होली, गीत-संगीत और नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियों ने समां बाँध दिया। महिला दिवस के उपलक्ष्य में ‘संपर्क अपराजिता सम्मान’ प्रदान किए गए और पाँच प्रतिष्ठित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की उपस्थिति रही.
अर्पित जैन, चेयरमैन, रोजियम ग्रुप
बाबूलाल कुलरिया, डायरेक्टर, श्याम आशीष ग्रुप
दीपा माथुर, समाजसेवी
हरफूल कुलरिया, मोटिवेशनल स्पीकर
डॉ. अखिल शुक्ला, प्रख्यात साहित्यकार
शालिनी शर्मा, साहित्यकार
संस्थान की समाज सेवा और साहित्यिक उपलब्धियाँ
कार्यक्रम में संपर्क संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने ‘सेव बेटी, सेफ बेटी’ अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 425 बेटियों को गोद लिया जा चुका है और संस्थान 24 वर्षों से निरंतर समाज सेवा में सक्रिय है। महासचिव एवं समन्वयक रेनू शब्द मुखर ने संस्थान के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक 45 पुस्तकों का विमोचन किया जा चुका है।
मुख्य अतिथि अर्पित जैन ने संपर्क संस्थान की पहल की सराहना करते हुए हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। बाबूलाल कुलरिया और हरफूल कुलरिया ने भी संस्थान के कार्यों की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए एक प्रेरणादायक प्रयास बताया। समाजसेवी दीपा माथुर ने महिलाओं को सकारात्मक सोच और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पाँच पुस्तकों का विमोचन
इस भव्य आयोजन में प्रतिष्ठित साहित्यकारों की पाँच महत्वपूर्ण कृतियों का विमोचन किया गया.
1. सुनीता त्रिपाठी की ‘तेरे लिए’, ‘सृष्टि का सागर’ और ‘सृष्टिमन’
2. डॉ. आरती भदौरिया की ‘साँसों का निनाद’
3. डॉ. लता सुरेश की ‘रिश्ते’
साहित्य जगत की प्रमुख हस्तियों की सहभागिता
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आरती भदौरिया और सीमा वालिया ने किया। इस आयोजन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने भाग लिया और संपर्क संस्थान की इस अनूठी पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
संस्थान की सामाजिक प्रतिबद्धता
संपर्क संस्थान केवल साहित्य तक सीमित नहीं है, बल्कि समाजसेवा में भी निरंतर योगदान दे रहा है। बेटियों के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे अभियान, अनाथ बच्चों की शिक्षा और सामाजिक उत्थान के प्रयास इसे अन्य संगठनों से अलग बनाते हैं।
इस गरिमामयी समारोह में साहित्य, समाज और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। ललिता कापड़ी जैसी सशक्त महिलाओं को सम्मानित कर संपर्क संस्थान ने यह संदेश दिया कि साहित्य और समाज सेवा के प्रति समर्पित व्यक्तित्वों को सदा प्रोत्साहित किया जाएगा।