विकासनगर। पछुवादून में बारिश ने भले ही गर्मी से राहत दिलाई हो, लेकिन टौंस और यमुना में उफान से तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। शुक्रवार को यमुना नदी का जलस्तर चेतावनी बिन्दु के पार हो गया। जिला आपदा प्राधिकरण के मुताबिक शुक्रवार को यमुना का जलस्तर 455.37 मापा गया, जो चेतावनी बिंदु से एक मीटर ज्यादा और खतरे के निशान से 96 सेमी कम है, जबकि टौंस का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 1.5 मीटर अधिक रहा। जलस्तर के चेतावनी बिंदु से ऊपर पहुंचने के कारण तटवर्ती बस्तियों के लिए खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही यमुना और टौंस किनारे खेती करने वाले किसानों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। पानी का स्तर थोड़ा और बढ़ने पर ही किसानों की मेहनत जलमग्न होने का खतरा बना हुआ है। हालांकि प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद होने का दावा कर रहा है, लेकिन अभी तक तटवर्ती बस्तियों को खाली नहीं कराया गया है। लोग अभी भी इन बस्तियों में पहले की तरह ही रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से ऐसे लोगों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था भी नहीं की गई है। जबकि बाड़वाला, हरिपुर और डूमेट में यमुना किनारे की बस्तियों पर अब खतरा मंडराना शुरु हो गया है। इसके साथ ही ढकरानी गांव की निचली बस्ती और यमुना किनारे की कृषि भूमि के भी कटाव की जद में आने का खतरा पैदा हो गया है।
यमुना, टौंस, आसन समेत अन्य बरसाती नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन अलर्ट मोड पर है। सिंचाई विभाग और यूजेवीएनएल के संबंधित अधिकारियों से भी जानकारी ली जा रही है। संभावित खतरा दिखते ही आपदा प्रबंधन तंत्र एक्शन मोड में आ जाएगा। किसी भी तरह की जनधन हानि नहीं होने दी जाएगी। -विनोद कुमार, एसडीएम