हरिद्वार। जिला कारागार हरिद्वार से फरार कुख्यात हत्यारे पंकज वाल्मीकि को आखिरकार एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। 30 जनवरी की रात हुई इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगने से बदमाश घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रामलीला में निभाया वानर का किरदार, फिर बना भगोड़ा
गौरतलब है कि पिछले वर्ष दशहरे के मौके पर हरिद्वार जेल में रामलीला का आयोजन हुआ था। इसमें पंकज (28 वर्ष) और उसके साथी रामकुमार (24 वर्ष) को वानर सेना के किरदार निभाने का मौका मिला। मंचन के दौरान दोनों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए जेल की दीवार फांदकर फरार होने की योजना बनाई। जैसे ही मौका मिला, दोनों कैदी अंधेरे का फायदा उठाकर जेल से भाग निकले।
घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। गिनती के दौरान जब कैदी कम मिले, तब फरारी का खुलासा हुआ। इसके बाद हरिद्वार पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू की।
एक पहले ही पकड़ा गया, अब दूसरा भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
फरारी के बाद से पुलिस लगातार इनकी तलाश कर रही थी। रामकुमार को हरियाणा के यमुनानगर से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था, लेकिन पंकज लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर ₹50,000 का इनाम भी घोषित किया गया था।
आखिरकार, एसटीएफ और जिला पुलिस को सूचना मिली कि फरार अपराधी पंकज हरिद्वार में ही मौजूद है। पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन खुद को फंसता देख पंकज ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी, जिससे वह घायल हो गया और मौके पर ही दबोच लिया गया।
अब तक फरारी के दौरान मोबाइल का नहीं कर रहा था इस्तेमाल
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि फरारी के दौरान पंकज ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर रखा था। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इतने महीनों तक वह कहां छिपा रहा और उसे किस-किस से मदद मिल रही थी।
गिरफ्तार अभियुक्त का विवरण
नाम: पंकज वाल्मीकि
पिता का नाम: मगनलाल
मूल पता: ग्राम इस्माइलपुर, थाना लक्सर, हरिद्वार
हाल पता: गोल भट्टा, रुड़की
अपराध: हत्या का आरोपी, जेल से फरार कैदी
मुठभेड़ में शामिल पुलिस टीम
उत्तराखंड एसटीएफ टीम
1. निरीक्षक यशपाल सिंह
2. उप निरीक्षक नरोत्तम बिष्ट
3. अ.उ.नि. हितेश कुमार
4. हे.का. अर्जुन सिंह रावत
5. हे.का. वीरेंद्र नौटियाल
6. हे.का. कैलाश नयाल
7. कांस्टेबल देवेंद्र कुमार
8. कांस्टेबल अनूप भाटी
9. कांस्टेबल अनिल कुमार
10. कांस्टेबल सितांशु कुमार
हरिद्वार पुलिस टीम (थाना रानीपुर, थाना ज्वालापुर, SOG हरिद्वार)
संबंधित पुलिस अधिकारियों ने इस सफल अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अब बड़े गिरोह से जुड़े तारों की जांच
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस फरारी के पीछे किसी बड़े अपराधी गिरोह का हाथ था। इसके अलावा, उन लोगों की भी जांच की जा रही है जिन्होंने इस भगोड़े को शरण दी या किसी भी तरह से सहायता की।
इस कार्रवाई के बाद उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अधिकारियों ने जनता को आश्वासन दिया है कि अपराधियों के खिलाफ ऐसी ही सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।