सुभाष पिमोली
चमोली। ‘शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले वतन पर मर मिटने वालों यही बाकी निशा होगा ‘ तीन दिवसीय शहीद भवानी दत्त शौर्य महोत्सव का रंगारंग आगाज हो गया है इस अवसर पर वतौर मुख्य अतिथी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद भवानी दत्त जोशी के स्मारक पर रीत चढ़ा कर नमन किया, और मेले का रीबन काट कर शुरुवात की इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि शिक्षा स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि थराली विधायक भूपाल राम टम्टा उपस्थित रहे इस अवसर पर उन्होंने एक दर्जन से अधिक लगभग 4.5 करोड़ की परियोजनाओं का लोकांपण किया और शहीद भवानीदत्त मेले को राजकीय मेला की घोषणा की और उन्होंने थराली को उपजिला चिकित्सालय तथा देवाल और नारायणबगड़ को नगर पंचायत बनाने की भी घोषणा की। इस मौके पर वीरू जोशी ने स्वागत गीत गाकर सबका स्वागत किया।
देश की रक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीद भवानी दत्त जोशी ने पिंडर घाटी के युवाओं में देश के लिए बलिदान का एक जज्बा भरा है आज भी उनके बलिदान की कहानी युवाओं को प्रेरणा दे रही है यूं तो स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश की संप्रभुता एवं अखंडता को बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र के दर्जनों युवाओं ने अपनी शहादत दी उनमे से शहीद भवानी दत्त जोशी का नाम आज भी क्षेत्र में गर्व के साथ लिया जाता है 14 जुलाई 1952 में चेपड़ो गांव के ख्यालीराम जोशी के घर जन्मे शहीद भवानी दत्त जोशी 14 जुलाई 1970 में गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए उसके बाद उन्होंने 1972 में भारत-पाक युद्ध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और लड़ाई में वह बुरी तरह घायल हो गए थे बाद में स्वस्थ होने पर उन्होंने पुनः अपना योगदान सेना मे दिया, 1984 में जब पूरा पंजाब आतंकवाद से जूझ रहा था आतंकियों ने श्रद्धा का मुख्य केंद्र स्वर्ण मंदिर पर भी कब्जा कर लिया था तो सरकार ने ब्लू स्टार ऑपरेशन शुरू करवाया तथा पंजाब को सेना के हवाले करते हुए गढ़वाल राइफल की एक प्लाटून को आतंकियों से मंदिर को खाली कराने का जिम्मा सौंपा लंबी जद्दोजहद के बाद भी सेना मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई तब साहसी भवानी दत्त जोशी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने प्राणों को हथेली में रखकर 5 व 6 जून की मध्यरात्रि को मंदिर की एक खिड़की को तोड़ कर उसके रास्ते मंदिर में प्रवेश किया इस दौरान आतंकवादियों की कई गोलियां उन पर लगी किंतु इसकी परवाह किए बगैर उन्होंने कई दुश्मनों को मार गिराया बाद में अन्य सैनिकों ने भी मंदिर में प्रवेश किया और आतंकियों को मारकर मंदिर को आजाद किया किंतु इस दौरान वीर जवान अपने सहयोगी सैनिकों एवं परिजनों को रोते बिलखते छोड़ शहीद हो गए बाद में सरकार ने उन्हें मरणोपरांत शीतकालीन अशोक चक्र से सम्मानित किया वे उत्तराखंड के पहले अशोक चक्र विजेता है उनके परिवार में उनकी विधवा और दो लड़के हैं और उनका एक लड़का सेना में अधिकारी है अब उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि के लिए हर वर्ष छह से आठ जून को तीन दिवसीय शौर्य महोत्सव का आयोजन किया जाता है जबकि पिछले 13 वर्षों से किन्ही कारणों से मेले का आयोजन नहीं हो पाया इस बार भव्य मेले का आयोजन किया जा रहा है मंडल अध्यक्ष नंदू बहुगुणा,गंगा सिंह बिष्ट,गिरीश चमोला, महिपाल सिंह भंडारी, मेला अध्यक्ष वीरू जोशी, मेला व्यवस्थापक देवी जोशी, उपाध्यक्ष दर्शन सिंह शाह ग्राम प्रधान चेपड़ो, महासचिव देवेंद्र सिंह रावत,सचिव भरत सिंह, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद जोशी, विकास जोशी, कार्यक्रम संयोजक प्रधानाचार्य शहीद भवानी दत्त स्मारक इंटर कॉलेज चेपड़ो दिगपाल सिंह गडिया, सांस्कृतिक सचिव महिला मंगल दल अध्यक्षा नीलू शाह, प्रशासनिक व्यवस्थापक प्रकाश जोशी,मीडिया प्रभारी रमेश जोशी, अजय जोशी, सचिन जोशी,संदीप शाह राकी ठाकुर, प्रिंस आदि उपस्थित रहे इस अवसर पर लोक गायक सौरभ मैठाणी, दीपा नगरकोटी, मृणाल रतूड़ी,वसुधा गौतम के गीतों पर दशक खूब झूमे कार्यक्रम मे ब्लाक प्रमुख देवाल दर्शन दानू,ब्लाक प्रमुख थराली कविता नेगी, ब्लाक प्रमुख नारायणबगड़ यशपाल सिंह नेगी,रक्षक मंडल के सदस्य पुष्कर सिंह शाह,हरपाल सिंह शाह,रणवीर सिंह रावत, पूर्व कैप्टन नरेंद्र सिंह,गिरीश चंद जोशी,गंगाधर जोशी,हरेंद्र सिंह शाह,बलवंत सिंह शाह, गंगा सिंह शाह,दामोदर जोशी मौजूद रहे मेले मे विशेष सहयोग लक्ष्मी पांडे, भास्कर पांडे,विकास विकाश जोशी देवी जोशी, चंदन जोशी, सूरज जोशी, अजय जोशी, नवनीत रावत, गिरीश जोशी आदि का रहा संचालन रेखा धनाई ने किया।