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पियानो वादक मिलन सुजुक और सितार वादक आलोक मैती ने शानदार प्रस्तुति से बांधा समां।

Hamarichoupal,28,05,2024

देेहरादून। 28 मई। बिपिन नौटियाल। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से पियानो वादक मिलन सुजुक और सितार वादक आलोक मैती के युगल बन्दी में रोलैण्ड इलैक्ट्रिक पियानो और सितार के संगीत की अद्भुत प्रस्तुति श्रोताओं को देखने को मिली। रविवार को लैंसडाउन चौक स्थित पुस्तकालय सभागार में पियानो वादक मिलन सुजुक और सितार वादक आलोक मैती ने समां बांधा दिया जिसकी संगीत प्रेमियों ने खूब सराहना की। सितार व रोलैण्ड इलैक्ट्रिक पियानो की इस शानदार जोड़ी ने प्रत्येक प्रस्तुति को श्रोताओं को बांधे रखा। कार्यक्रम में जैज़ और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी।
उल्लेखनीय है कि आलोक मैती हिंदुस्तानी शास्त्रीय सितार बजाते है और अपने वादन के लिए रागदारी रचना का उपयोग करते हैं। वहीं मिलान सुजुक पियानो पर जैज आशु रचनाओं के जरिये अपनी प्रस्तुति देते हैं। सितार की लेगाटो गुणवत्ता और पियानो की स्टैकटो गुणवत्ता इन दो वाद्ययंत्रों की विविध बनावट के अलावा वह सामग्री है जिसे ये दोनों संगीतकार बजाते हैं। वे पिछले दो वर्षों से एक साथ संगीत की रचना करने के साथ उसकी प्रस्तुति दे रहे हैं। वहीं मिलन सुज़ुक एक सर्बियाई पियानोवादक है जो जैज़ और शास्त्रीय शैलियों को विस्तार प्रदान करते हैं। उन्होंने 7 साल की उम्र से ही पियानो की पढ़ाई शुरू की, और जैज पियानो में प्रतिष्ठित स्टैंकोविक म्यूजिक स्कूल, बेलग्रेड से स्नातक किया। उन्होंने 1994 में जैज़ और शास्त्रीय पियानो दोनों को पेशेवर रूप से बजाना शुरू किया। वह कई सर्बियाई पॉप औरल रॉक बैंड के साथ वर्षों तक जुड़े रहे। वह न्यूयॉर्क में जैक स्मिथ बैंड में कई वर्षों तक की बोर्ड प्लेयर थे। इसके बाद उन्होंने मनोरंजन संगठनों NTW प्रोडक्शंस और Helse GMBH के साथ काम किया। इस समय वे वुडस्टॉक स्कूल, मसूरी में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। आलोक मैती ने कोलकाता के रवींद्र भारती विश्वविद्यालय से सितार में संगीत में मास्टर और लखनऊ के भातखंडे संगीत कॉलेज से संगीत विशारद की पढ़ाई की है। वह छह अलग-अलग स्ट्रिंग और ताल वाद्य यंत्र बजाने में पारंगत हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर संगीत यात्रा की है। यूएस, यूरोप और पूरे भारत में संगीत कार्यक्रमों में सितार पर प्रस्तुति दी है। यही नहीं विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भारतीय शास्त्रीय संगीत पर व्याख्यान भी दिए हैं। पिछले 17 वर्षों से वे वुडस्टॉक स्कूल में संगीत अध्यापन कर है।
इस अवसर पर देहरादून शहर के कई संगीत प्रेमी, लेखक और पुस्तकालय के युवा पाठक प्रो बीके जोशी, विभूतिभूषण भट्ट, जे के बहुगुणा, सुंदर सिंह बिष्ट, वीणा जोशी, निकोलस हाॅफलैण्ड, चंद्रशेखर तिवारी, डाॅ. योगेश धस्माना, सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

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