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डॉ नीना कुकरेती की “श्रुति से शब्द तक” का हुआ लोर्कापण।

HamariChoupal,21,05,2023

 

 

देहरादून। हिन्दी साहित्य समिति ने महाकवि सुमित्रानंदन पन्त की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड की हिन्दी एवं गढ़वाली की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ नीता कुकरेती की सद्य प्रकाशित कृति “श्रुति से शब्द तक’ का लोकार्पण रविवार को हिंदी भवन में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो राम विनय सिंह अध्यक्ष हिन्दी साहित्य समिति ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड शासन की अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अतिविशिष्ट अतिथि श्री अनिल रतूडी पूर्व डीजीपी, उत्तराखण्ड, विशिष्ट अतिथिगण डॉ.सविता मोहन पूर्व शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड, डॉ कमला पंत पूर्व उपशिक्षा निदेशक, उत्तराखण्ड एवं असीम शुक्ल वरिष्ठ साहित्यकार नवगीत पुरोधा मंचासीन रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन बीना बैंजवाल वरिष्ठ साहित्यकार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ नीता कुकरेती द्वारा रचित गणेश वंदना तथा मांगलगीत जिसमें नीलिमा धूलिया, वैशाली रावत, हेमलता उनियाल, अनिता शर्मा और कुमारी पूजा ने स्वर दिया। तत्पश्चात संगीता गैरोला द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इस सारस्वत आयोजन की मुख्य अतिथि श्रीमती राधा रतूडी ने पुस्तक के विषय में अपने शब्दों में अपने विचार इस प्रकार व्यक्त किए श्रुति से शब्द तक’ डॉ नीता कुकरेती का सुन्दर काव्य संग्रह है जिसमें उनकी बहुमुखी प्रतिभा का चित्रण है। महिला सशक्तिकरण की अलख जगाती उनकी नारी चेतना की कविताएं बहुत ही प्रेरणादायक हैं। बेटी को बचायेंगे मिलकर ये शब्द समाज को आइना दिखाते हैं और हम सब को सोचने पर मजबूर करते हैं। नीता जी उत्तराखण्ड के साहित्य पटल का एक चमकता सितारा है इनकी कलम में सरस्वती माता का आशीर्वाद स्पष्ट रूप से दिखता है। उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति, लोकगीत, बोली-भाषा के संरक्षण के लिए आपका सराहनीय योगदान है जो भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने में मदद करेगा। इस सुन्दर कृति के लिए उनको हार्दिक बधाई उनकी कलम की ताकत निरन्तर बढ़ती रहे। अति विशिष्ट अतिथि श्री अनिल रतूड़ी पूर्व डीजीपी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी व गढ़वाली की प्रतिभावान साहित्यकार डॉ नीता कुकरेती की काव्य कृति ‘श्रुति से शब्द तक’ को पढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ जिसमें करीब 86 कविताएं हैं, प्रत्येक रचना में पाठक को लेखक की शुद्ध साहित्यिक अनुभूति का एहसास होता है। डॉ नीता कुकरेती की तीव्र अभिव्यक्ति पाठक के मन एवं मस्तिष्क को प्रभावित करती है। लेखिका ने अपने जीवन के विभिन्न अनुभव, अध्ययन एवं कल्पना के बलबूते पर उत्तराखण्ड, गीत गज़ल, नारी चेतना व देश प्रेम सहित विविध विषयों पर उन्मुक्त भाव से संगीतमय कविताओं की रचना की है। डॉ नीता कुकरेती को सुन्दर काव्य रचना लिए हार्दिक बधाई और भविष्य में उनकी रचनात्मक सरिता के अविरल प्रवाह बने रहने के लिए शुभकामनाएं।कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ सविता मोहन ने कहा कि नीता कुकरेती एक संवेदनशील रचनाकार हैं जो कई दशकों से गढ़वाली और हिन्दी में समान रूप से अपनी लेखनी चला रही हैं। मुझे कई अवसरों पर उनके गढ़वाली और हिन्दी की काव्य रचनाओं को सुनने का अवसर मिला है, इसके अतिरिक्त नीता जी समसामायिक विषयों पर भी लेखनी चला रही हैं। इस अवसर पर मैं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं।डॉ कमला पंत ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मैं जब से देहरादून आई हूँ तभी से विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में मुझे नीता कुकरेती को सुनने का सुअवसर मिला हैं। वह एक संवेदनशील रचनाकार हैं जो गढ़वाली और हिन्दी में समान रूप से काव्य और गद्य विधा में साहित्य सृजन कर रही हैं। उन पर सरस्वती की विशेष कृपा है। इस अवसर पर डॉ कमला पंत ने हिन्दी साहित्य समिति की ओर से महाकवि सुमित्रानन्दन पंत के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर भी प्रकाश डाला। इस समारोह में हिन्दी साहित्य समिति के महामंत्री हेमवती नन्दन कुकरेती ने मंचासीन अतिथियों और सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों, पत्रकार बन्धुओं और मीडिया कर्मियों का हार्दिक स्वागत अभिनन्दन और आभार व्यक्त किया। महामंत्री ने कहा कि इसी तरह के साहित्यिक अनुष्ठान हिन्दी साहित्य समिति पूर्व में भी करती रही है तथा भविष्य के लिए भी इसी तरह के अनुष्ठान करने के लिए प्रतिवद्ध है। हिन्दी भवन सभी के लिए उपलब्ध है। इस अवसर पर शादाब अली, डॉ राकेश बलूनी, जसवीर हलधर, डॉली डबराल, संगीता शाह, निशा रस्तोगी, सोमप्रकाश शर्मा, प्रमोद भारतीय, केडी शर्मा, शकुन्तला इष्टवाल, डॉ अनन्त मणि त्रिवेदी, उषा झा, नीलमप्रभा वर्मा, इन्द्रदेव रतूड़ी, अनूपकाला, उपेन्द्र कुकरेती, के.पी. कुकरेती मनोज थपलियाल, राकेश जैन, अरूण भट्ट, डॉ श्वेता शर्मा, डॉ सीमा गुप्ता, सुभाष भटनागर, विजय रतूड़ी, क्षमा कौशिक, शांति प्रकाश जिज्ञासु बीना बैंजवाल, डॉ विद्या सिंह, डॉ माधुरी बड़थ्वाल, पुष्पलता मंमगाई, आभा सक्सेना, डॉ डी.एन भटकोटी, डॉ सुरेश पचौरी, सत्य प्रकाश शर्मा, रौशन धस्माना, उदय शंकर भट्ट, गजेन्द्र भंडारी, अजय जोशी, रानू विष्ट, शिखा थपलियाल, कुमुद थपलियाल, कर्नल मदन कंडवाल, शैल कंडवाल आदि अनेक गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

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