hamarichoupal,13,05,2023
देहरादून। सुदूर दक्षिण के कर्नाटक में मिली जीत से उत्तराखंड कांग्रेस ने भी राहत की सांस ली है। लगातार दो विधानसभा चुनावों में हार के बाद मायूस उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में हिमाचल के बाद अब कर्नाटक में भी सरकार बनने से नई उम्मीद जगी है।
कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर कांग्रेस भवन में शनिवार को खासी चहल पहल रही। लंबे समय बाद यहां जीत की मिठाई बंटी। बजरंग दल का मुद्दा भले ही कर्नाटक में उठा हो लेकिन पार्टी कैडर इस विवाद के चलते उत्तराखंड में भी असहज था। इस कारण शनिवार को चुनाव नतीजे आते ही पार्टी अध्यक्ष करन माहरा, कार्यकर्ताओं के साथ स्वत:स्फूर्त तरीके से सीधे घंटाघर स्थित हनुमान मंदिर पहुंच गए। दक्षिण के एक बड़े सूबे में मिली शानदार जीत को उत्तराखंड के नेता आगामी लोकसभा और निकाय चुनावों के साथ ही बागेश्वर उपचुनाव के लिए कैडर में जोश भरने के लिए अहम मान रहे हैं।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंकने के बावजूद जनता ने भाजपा को नकार दिया। भाजपा ने सत्ता हथियाने के लिए जमकर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाया। इस जीत के साथ ही देश में नई राजनीतिक समीकरण भी तैयार होंगे। उत्तराखंड में भी इसका असर पड़ेगा।
करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष
कर्नाटक ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार भाजपा को मुंह तोड़ जबाब दिया है। इससे साबित हुआ है कि देश की जनता भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों के कुशासन से त्रस्त है। भाजपा का एक मात्र ठोस विकल्प कांग्रेस पार्टी ही है।
-यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष
कांग्रेस पर भरोसा जताने के लिए कर्नाटक की जनता का बहुत-बहुत आभार। देश में संवैधानिक लोकतंत्र को बचाने का एक मौका 2022 में हमारे पास भी आया था, हम उस मौके को गवां बैठे। मगर हिमाचल के बाद अब कर्नाटक ने उसे लपक लिया।
हरीश रावत, पूर्व सीएम
कर्नाटक ने धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल राजनीति के लिए किए जाने को नकार दिया है। निश्चित तौर पर कर्नाटक कांग्रेस अपने सभी वायदे पूरा करेगी। 2022 में उत्तराखंड की जनता के सामने भी यह मौका था, लेकिन राज्य की जनता ने इस मौके को गवां दिया।
गणेश गोदियाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष
कर्नाटक की जनता ने समझदारी से अपने मत का प्रयोग कर कांग्रेस को सत्ता सौंपी है, यह देश की राजनीति के लिहाज से एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह बदलाव आगामी लोकसभा चुनाव में साफ नजर आएगा, उत्तराखंड में भी कांग्रेस शानदार जीत दर्ज करेगी।
-प्रीतम सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष