hamarichoupal,25,04,2023
दिल्ली में सभी विपक्षी पार्टियां एकजुटता बनाने के प्रयास में लगी हैं और उधर कर्नाटक में सब एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। तभी सवाल है कि आपस में लड़ कर विपक्षी पार्टियां किस तरह की एकता बनवाएंगी? कर्नाटक में शरद पवार की पार्टी एनसीपी 45 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एनसीपी नेताओं का कहना है कि उनका राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन गया है इसलिए वे विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं ताकि वोट हासिल करके राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया जाए। सोचें, उनके लिए कर्नाटक में भाजपा को रोकने की बजाय अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा ज्यादा जरूरी लग रही है।
इसी तरह आम आदमी पार्टी राज्य में 168 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी के सारे नेता पूरी ताकत लगा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि चित्तपुर की सुरक्षित सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के बेटे प्रियांक खडग़े के खिलाफ भी आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार दिया है। सोचें, दिल्ली में और संसद में खडग़े के साथ आम आदमी पार्टी का पूरा सद्भाव दिखता है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया तो खडग़े उनको सबसे पहले फोन करने वाले नेताओं में से थे। अगर उनके बेटे के खिलाफ आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार नहीं होता तो इससे एक सकारात्मक मैसेज बन सकता था। लेकिन उनके बेटे के खिलाफ आप ने जगदीश सागर को उम्मीदवार बनाया है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में इस सीट पर प्रियंका खडग़े महज चार हजार वोट से जीते थे। इस बार आप का उम्मीदवार अगर थोड़े से भी वोट काट लेता है तो प्रियांक के लिए मुश्किल हो सकती है।