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दहशत में जीने को मजबूर रिखणीखाल और नैनीडांडा के लोग

HamariChoupal,22,04,2023

 

 

पौड़ी। रिखणीखाल व नैनीडांडा ब्लाक के कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे कई गांवों के लोग बाघ व गुलदार के आतंक की दहशत में जीने को मजबूर हैं। गढ़वाल वन प्रभाग के दीवा रेंज के तहत रिखणीखाल के ग्राम डल्ला व दो दिन के अंतराल में नैनीडांडा के सिमली तल्ली भैड़गांव में बाघ द्वारा बुजुर्गों को निवाला बनाए जाने से क्षेत्र के लोग दुखी, भयभीत और आक्रोशित हैं। रिखणीखाल के डल्ला गांव के आस पास के पडियारपाणी, जुई, क्वीराली, सतगरिया, द्वारी, सिद्धपुर, गाड़ियूं, कोटड़ी, काण्डा, दियोड़, जवाड़ियूंरौल से लेकर मन्दालघाटी के कर्तिया, बंजादेवी, कालिंकों, ढिकोलिया, झर्त, रथुवाढाब, कुमाल्डी, धूरा डोबरिया, बरई, डाबरू, चपडेत, कन्दलाई, अमडण्डा, मुण्डियाणा आदि गांवों के लोग दहशत में जी रहे हैं। वहीं नैनीडांडा के सिमली, भैड़गांव, कांडी, चमाड़ा, बवाणी, बिलकोट, गोम, नैखाणा, ख्यूंणाई, उम्टा, झुड़ुंगू, बेलम, अपोला आदि गांवों के लोग भी दहशत में जीने को मजबूर है। बाघ के आतंक से लोगों की दिनचर्या बाधित हो गई है। सुबह देर से घर से बाहर निकल पाते हैं। ग्रामीण शाम को चार पांच बजे ही रात्रि का भोजन कर घरों में कैद होने को लोग मजबूर हैं। रिखणीखाल में घटनास्थल के आसपास पड्यारपाणी, जुई पापड़ी, अमडण्डा में बाघ की हरकत निरंतर जारी है। जबकि द्वारी के ग्वर्ख्यूं रौल में तीन गुलदारों की धमक से आवागमन प्रभावित हो रहा है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी का कहना है कि इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, प्रभागीय वनाधिकारी गढ़वाल स्वप्निल अनिरुद्ध व कार्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से लगातार संपर्क कर मांग की जा रही है कि बाघ को ट्रैंकुलाइज कर शीघ्र पकड़ा जाये जिससे कोई अन्य अनहोनी न हो। फिलहाल चार पिंजड़े डल्ला गांव में लगे हैं जिन्हें बढ़ाकर जुई पापड़ी पड्यारपाणी तोकों में भी लगवाने की मांग की गई है। सांसद तीरथ सिंह रावत व क्षेत्रीय विधायक के समक्ष भी वनविभाग द्वारा झाड़ी कटान व पैदल मार्गों की सफाई करने व सभी प्रभावित गांवों में सोलर पैनल लगवाने के साथ ही गश्त बढ़ाने की अपील की है।

वन विभाग की रणनीति हो रही फेल

रिखणीखाल और धुमाकोट के बाघ प्रभावित क्षेत्रों में वन महकमों की टीमों ने डेरा डाला हुआ है। लेकिन अभी तक टीम को न तो बाघ दिखा और न ही वह रेंज में आ पाया है। बाघ लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है। जिससे ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं। वन विभाग बाघ को अभी तक ट्रैंक्यूलाइज नहीं कर पाया है। जुई पापड़ी गांव जो कि डल्ला गांव से महज एक किमी दूरी पर है वहां बीते शुक्रवार की शाम को आबादी क्षेत्र में घुसकर बाघ ने एक बछड़े पर हमला कर दिया था। गनीमत यह रही कि बछड़े की आवाज सुनकर गाय ने बाघ को भगाकर बछड़े की जान बचा दी। इस घटना का सोशल मीडिया में वीडियो काफी वायरल हो रहा है। घटना के बाद से ही प्रभावित गांवों में वन महकमे की टीमों ने यहां डेरा डाला हुआ है। बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए गांव के पास मचान भी बनाया गया, लेकिन बाघ इसके पास ही नहीं आया। बाघ को कैद करने के लिए विभाग ने डल्ला क्षेत्र में तीन और सिमली में एक पिंजरा भी लगाया हुआ। फिर भी बाघ को पकड़ने की वन महकमे की रणनीति सफल नहीं हो पा रही है। वहीं, सीएफ पंकज कुमार ने बताया कि बाघ को पकड़ने के पूरे प्रयास किए जा रहे है। पापड़ी गांव में भी टीम तैनात की जा रही है।

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