आजकल मार्केट में कई ऐसे प्रोडक्ट्स आ गए हैं, जिन्हें बच्चे बड़े ही चाव से खाते हैं. बच्चे आसानी से दूध पी लें, इसके लिए पैरेंट्स उनके मिल्क को टेस्टी बनाने के लिए उसमें हेल्थ ड्रिंक या पाउडर मिला देते हैं. जो उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. आजकल तो हेल्थ और एनर्जी ड्रिंक का ट्रेंड ही चल पड़ा है. जिसके सेवन से डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने का दावा भी किया जाता है. लेकिन बच्चों की सेहत पर इसका निगेटिव असर हो सकता है. हेल्थ ड्रिंक्स में मिली कुछ चीजें सीधे बच्चों की हेल्थ को इफेक्ट करती हैं. आइए जानते हैं..
शुगर
बच्चों के लिए मार्केट में कई तरह के एनर्जी ड्रिंक्स आजकल आ गए हैं. जिन्हें पीने के बाद बच्चों के एक्टिव होने का दावा किया जाता है. बच्चे इसे पीने के बाद एक्टिव भी हो जाते हैं लेकिन उनमें बीमारियां भी हो सकती हैं. इन हेल्थ ड्रिंक में शुगर अच्छी खासी मात्रा में पाई जाती है. इससे मोटापा, दांतों में सडऩ, नींद की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एनर्जी ड्रिंक का शुगर टेस्ट तो बढ़ा देता है लेकिन कई स्टडी बताती हैं कि इससे बच्चों की सीखने-समझने और याद रखने की क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है.
सोडियम
मार्केट में उपलब्ध कई हेल्थ ड्रिंक्स और हेल्दी फूड्स में सोडियम भरपूर मात्रा में मिलती है. खासकर पैकेज्ड फूड में तो सोडियम की मात्रा अच्छी खासी होती है. इनके सेवन से बच्चों में मोटापा, तनाव और हाई बीपी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, 8 से 17 साल की उम्र के बच्चों में सोडियम ज्यादा होने से हाई बीपी का खतरा रहता है, उन्हें हार्ट डिजीज भी हो सकती हैं.
कैफीन
कैफीन भी बच्चों की सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है. एनर्जी या हेल्थ ड्रिंक्स में कैफीन भरपूर पाया जाता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर और नींद ना आने की समस्या हो सकती है. इससे मूड स्विंग और तनाव जैसी समस्याएं भी होने का खतरा रहता है. कैफीन वाले ड्रिंक्स से बच्चों में सिरदर्द भी हो सकता है.
हाई फ्रक्टोज कॉर्न सीरप
कई हेल्थ ड्रिंक में हाई फ्रक्टोज कॉर्न सीरप होता है. जिसके सेवन से हेल्थ से जुड़ी समस्याएं होने लगती है. कार्बोहाइड्रेट फूड जैसे चावल खाने से बॉडी को ग्लूकोज मिलता है, जो सेल्स की मदद से पूरे शरीर में आसानी से फैल जाती है. हालांकि, जब हाई फ्रक्टोज कॉर्न सीरप बच्चे यूज करते हैं तो यह फ्यूल बनकर एनर्जी बनने से पहले ही फैट बन जाता है और लीवर में जमा होने लगता है.