देहरादून। जोलीग्रांट एयरपोर्ट पर टैक्सी यूनियन की गुंडागर्दी थमने का नाम नही ले रही है आये दिन यहां यूनियन के नाम पर टैक्सी चालको का उत्पीड़न होना आम बात है,आश्चर्य की बात तो यह है कि रोज़ाना टैक्सी चालकों के उत्पीड़न की शिकायत मिलने के बाद भी शासन प्रशासन यूनियन के आगे नतमस्तक बना हुआ है। ऐसा ही एक ताजा मामला प्रकाश में आया है। टैक्सी चालक द्वारा बताया गया कि वह देहरादून से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पर गया हुआ था जहां पर उसे एक ऑनलाइन एप से बुकिंग आई और वह उस बुकिंग को पिकअप करने के लिए गया तो वहां पर पहले से ही मौजूद यूनियन कर्मचारियों द्वारा पहले तो बुकिंग केंसिल कराई फिर टैक्सी चालक से अभ्रद व्यवहार किया और अवैध तरीके से गाड़ी जब्त कर ली। उसके बाद टक्सी ड्राइवर के 2 घंटे तक विनती करने के बाद भी गाड़ी नहीं दी गई, तो उसने विवश होकर पुलिस हेल्पलाइन नं. पर शिकायत दर्ज कराई । पुलिस द्वारा फ़ोन करने पर कुछ समय बाद यूनियन द्वारा चाबी और गाड़ी ड्राइवर को सौंप दी गई। इस सारे प्रकरण में ड्राइवर का कहना यह है कि प्रायः एैसी घटनाएं होती रहती है कि अनजाने में नया टैक्सी ड्राइवर ऑनलाइन एप से बुकिंग पिकअप करने अगर एयरपोर्ट जाता है और यूनियन द्वारा उसकी बुकिंग केंसिल कराई जाती है और फिर ड्राइवर के गलती मानने के बाद भी वहां की यूनियन उसके साथ अभ्रता और गुणडार्दी और गाड़ी जब्त करना जैसी घटनाएं आम बात है जबकि यह अधिकार किसी यूनियन को नहीं है की वह गाड़ी जब्त कर सके या किसी ड्राइवर के साथ अभ्रद व्यवहार करे। वही इस सारे प्रकरण पर पुलिस की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में नज़र आती है। जब आये दिन टैक्सी चालको के साथ इस तरह की घटनाएं होती है तो पुलिस द्वारा यूनियन के पदाधिकारियों पर नकेल क्यो नही कसी जा रही है ?
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