राष्ट्रीय न्यूज़ सर्विस(RNS)
विकासनगर। अब अधिकारी काम करें भी कैसे करें जब कुछ चिरकुट टाईप खबरनवीस इनके कामों पर अंगुली उठाने लगें। अपने आप को चैनल का पत्रकार बताने वाले ये चिरकुट पत्रकार हो कर पतलकार हैं। आप भी सोच रहें होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं। जी हां चलिए हम आपको बताते हैं ऐसा क्या है।
बीती रोज वन विभाग के अधिकारी कालसी डिविजन के डीएफओ कुल्हाल में तिमली रेंज के रेंजर के साथ रात में खनन वाले वाहनों की चेंकिंग कर रहे थे वहां बाकायदा साथ में पुलिस भी थी। इसी बीच कुछ चिरकुट टाईप फेसबुकिया पतलकार पहुंच गये और लगे अधिकारियों को धमकाने, कहने लगे कि गर्मियां आ गयी हैं और यहां खनन के वाहनों की चेकिंग कर रहे हैं जबकि जंगल आग से धधक रहे हैं, जंगली जानवरों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। आप जाईेये और जंगली जानवरों पर ध्यान दीजिये। अधिकारियों के साथ ये खबरनवीस पतलकार बहुत दबंगई से व्यवहार करते हुए उन पर जंगली जानवरों पर ध्यान बंटाने का प्रयास करते रहे। कुछ देर तक जब इनकी नहीं चली तो ये खबर दिखाने की धमकी देते वहां से चले गये। बाद में पता चला कि ये रात को अवैध खनन कराने का काम करते हैं, पतलकारिता की आड़ में ये अपने अवैध खनन माफिया मित्रों की गाडि़यों को रात में वहां से पास कराने की फिराक में थे। नहीं तो रात में कौन सी पत्रकारिता ये करते हैं और आखिर ऐसा क्या था कि इनको जंगली जानवरों की इतनी फिक्र है। जबकि अभी न तो जंगलों में आग लगी और न ही जानवरों के लिए बनाए गये वारिस के पानी के जौहड़ सूखे। दो दिन पहले ही अच्छी खासी बारिस हुयी और जंगलों में पानी भी है।
ऐसे में कोई अधिकारी इमानदारी से कैसे काम करेगा जबकि ये फेसबुकिया पतलकार अपना रौब गांठ कर गैर कानूनी कामों को अंजाम देने वालों का साथ दे रहे हैं। बताया जा रहा है ये पतलकार न तो सरकार में कही सूचीबद्ध हैं और नहीं प्रिंट या इलेक्टानिक मीडिया का लाइसेंस देने वाली किसी आथेारिटी का इनके पास प्रमाण पत्र है।