ऋषिकेश, 01 मार्च 2025(आरएनएस)।गंगा तट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ धूमधाम से हुआ। इस अवसर पर वन एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि ऋषिकेश ऋषि-मुनियों की तपस्थली होने के साथ ही पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह भूमि योग की जन्मस्थली है और इसमें साहसिक व धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि कोविड काल में योग और प्राणायाम ने अपनी अहमियत साबित की है। उन्होंने योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. चिन्मय पाण्ड्या ने योग को भारतीय ज्ञान-विज्ञान का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह न केवल शरीर बल्कि मन और आत्मा को भी सशक्त बनाता है। उन्होंने कहा कि भारत के बच्चों को अंकेटिंग से अधिक संतुलित भोजन की आवश्यकता है।
ग्रैंड मास्टर अक्षर ने योग को जीवन को संपूर्ण रूप से बदलने वाला बताते हुए कहा कि योगी के शरीर, मन और आत्मा में विशेष ऊर्जा का संचार होता है, जिसकी सुगंध पुष्पों की तरह महकती है।
पर्यटन विभाग के अपर सचिव अभिषेक रोहिल्ला ने कहा कि उत्तराखंड को योग की वैश्विक राजधानी बनाने के उद्देश्य से यह महोत्सव 01 मार्च से 07 मार्च 2025 तक गंगा तट पर आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान योगाचार्यों द्वारा प्रतिभागियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आध्यात्मिक प्रवचनों का भी आयोजन किया जाएगा।
समापन समारोह में निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर योगिनी उषा माता, स्वामीनारायण आश्रम के सुनील भगत, नगर पालिका मुनि की रेती की अध्यक्ष श्रीमती नीलम बिजल्वाण, नगर पालिका तपोवन की अध्यक्ष श्रीमती विनिता बिष्ट, नगर पालिका स्वर्गाश्रम की अध्यक्ष श्रीमती बिंदिया अग्रवाल समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में गढ़वाल मंडल विकास निगम के महाप्रबंधक पर्यटन दयानंद सरस्वती, सहायक प्रबंधक एस.पी. रावत, वरिष्ठ प्रबंधक श्री विश्वनाथ बंजवाल, दीपक गावत, गिरधारी सिंह रावत, मेहरबान सिंह रांगड़ समेत अनेक अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।