06,10,2021,Hamari Choupal
देहरादून। उत्तराखण्ड देश का एक ऐसा राज्य है जो सिर्फ और सिर्फ अधिकारी चला रहे हैं। यहां सरकार सिर्फ नाम के लिए है। इस बात की पुष्टि जल निगम जैसे एक ही विभाग हो जाती है जहां एक ही परियोजना के नाम पर कई मदों से धन लगाया गया और जब मामला उछला तो इस पूरे मामले को अंजाम देने अधिकारी के खिलाफ जांच की गयी। जांच में इसकी पुष्टि भी हो गयी कि गड़बड़ी हुयी है और जिम्मेदार अधिकारी को दोषी भी ठहरा दिया गया। लेकिन अब उसी अधिकारी को पदेन्नति देकर महकमे का मुखिया बनाने की कवायद की जा रही है। जबकि पिछली जांच में इस अधिकारी पर धन की अपव्ययता समेत कई आरोप लगे हैं।
बताते चलें कि वर्ष 2019 में नगर निगम देहरादून के अंतर्गत जेएनयूआरएम कार्यक्रम के तहत सीवरेज योजना विभिन्न जोन में शुरू की गयी। इस कार्य के दौरान एम सी पंत महाप्रबधक का काम देख रहे थे। उन्होने इसके लिए जो धनराशि जारी की उसको लेकर पेयजल निगम के तत्कालीन अध्यक्ष अरविन्द सिंह हयांकी ने जांच की और उन पर नियम विरूद्ध एव स्वछंद कार्य पद्धति अपनाते हुए योजनाओं में अनाधिकृत व्ययतर्वन करने, वित्तीय हस्त पुस्तिका तथा उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली के विरूद्ध् अपनी स्वेच्छा से योजनाओं का विरक्तिकरण कर कार्य आवंटन करने, स्वीकृत लागत से अधिक व्यय करने तथा अनुबंधों की लागत में भिन्नता के माध्यम से अत्यधिक वृद्धी कर करने के आरोप सिद्ध् हुए। इस मामले में निगम के तत्कालीन अध्यक्ष ने 03 दिसम्बर 2019 को एक आरोप पत्र दािखल किया। जांच अधिकारी ने यह भी आरोप लगाए कि योजनाओं के त्रुटि पूर्ण नियोजन, उपलब्ध धनराशि के व्ययतर्वन तथा अपव्यय के फलस्वरूप जेएनूयआरएम कार्यक्रम और 13वे वित्तआयोग की योजनायें वर्तमान तक भी पूर्ण एव कार्यकारी नहीं हो सकी। इसी के चलते इसका पूर्ण लाभ जन सामान्य को नहीं मिला। नियोजन की कमी एवं अधूरे कार्य को पूर्ण करने करने में रूचि न लेने के कारण शासन स्तर पर आहूत विभिन्न बैठकों में कार्यों के अनुश्रवण में निगम की छवि प्रभवित हुयी है। जांच अधिकारी ने इस पूरे मामले में एस सी पंत पर तीन गंभीर आरोप लगा कर जबबा देने को कहा। बताया जा रहा है इसके बाद इस पूरे मामले को दर किनार कर अब एम सी पंत को विभाग में बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने पूरे मामले का परीक्ष्ण करने की बात कही है।