HamariChoupal,01,03,2025
अभियान के तहत उठाए गए कदम:
- डीजीपी दीपम सेठ के निर्देशन में यह अभियान जारी रहेगा।
- वांछित एवं ईनामी अपराधियों और मादक पदार्थों के तस्करों की गिरफ्तारी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए थाना वार समीक्षा की जाएगी। यदि किसी थानाध्यक्ष या विवेचकों की लापरवाही पाई गई, तो उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा में पुलिस महानिदेशक ने गढ़वाल और कुमाऊँ रेंज के प्रभारी सहित सभी एसएसपी/एसपी के साथ मिलकर अपराध नियंत्रण की स्थिति का आकलन किया।
अभियान के दौरान, 427 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं, जिनमें से मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त 591 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई में 936.56 कि.ग्रा. मादक पदार्थ और अवैध रूप से अर्जित की गई संपत्ति, जिसकी कीमत लगभग 1.74 करोड़ रुपये है, अधिग्रहित की गई है।
विशेष अभियान का विस्तार:
इस विशेष अभियान को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
डीजीपी द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश:
- विभिन्न अपराधों में लिप्त वांछित अपराधियों, पुरस्कार घोषित अपराधियों, और गैर जमानतीय/कुर्की वारण्टों की तामील हेतु एक महीने का विशेष अभियान चलाया जाएगा।
- गंभीर आपराधिक घटनाओं में लापरवाही बरतने वाले संबंधित थानाध्यक्षों और चौकी प्रभारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
- लंबित विवेचनाओं की समीक्षा कर उनके निस्तारण के लिए प्रभारियों को दिशा-निर्देशित किया जाएगा।
- सभी जनपद प्रभारियों को पुलिस की दृश्यता बढ़ाना, प्रभावी रात्रि गश्त, पेट्रोलिंग, नाका/बैरियर्स पर सघन चेकिंग, और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पैदल गश्त कराना अनिवार्य किया गया।
समीक्षा गोष्ठी में शामिल अधिकारी:
इस समीक्षा गोष्ठी में वी. मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था), ए. पी. अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन/अभिसूचना), कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक (अभिसूचना), नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
उत्तराखण्ड पुलिस का उद्देश्य:
मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य अपराधों को रोकने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना एवं राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।
