देहरादून, Hamarichoupal,15,03,2023
विपिन नौटियाल
एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स पर हमला करने वाले बाहरी तत्वों पर सख्त कार्रवाई की जाए। बुधवार को उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में एडवोकेट पंकज छेत्री ने कहा कि एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में हुए घटनाक्रम की ओर दिलाना चाहता हूं। बीते मंगलवार को लगभग 5 बजे पटेल नगर स्थित डीडी मोटर में अपनी कार मे कुछ तकनीकी खराबी दिखा रहा था, तभी एक जानकार का फोन आया कि एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज मै आंदोलनरत स्टूडेंट्स पर कुछ बाहरी तत्वों ने हमला कर दिया है और वे उनका आंदोलन खत्म कराना चाहते हैं। जबकि स्टूडेंट्स एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार के भीतर आने-जाने वाले वाहनों के लिए आवाजाही छोड़कर किनारे पर धरने पर बैठकर सत्याग्रह कर रहे थे। तभी बाहरी तत्वों ने वहां बैठी छात्राओं के साथ भी अभद्रता की गाली गलौज एवं मारपीट के साथ-साथ उन्हें आंदोलन खत्म करने की धमकी देते हुए उनके टेंट उखाड़ दिये। उनके साथ आई एक महिंद्रा थार गाड़ी जो कि पंजाब नंबर की थी, उसमें भी कुछ लोग मौजूद थे। वहां पहुंचा तो छात्र छात्राओं ने उस महिंद्रा थार को घेरा हुआ था और उसमें चालक एक महिला जिसने भीड़ को देखकर मास्क पहने लिया और सफारी सूट में एक पुरुष बैठा था जिसको छात्र पहचान चुके थे कि दोनों बाहरी तत्व हमलावरों के साथ आए थे और वे भी उनके साथ मारपीट कर रहे थे। छात्रों की मांग थी कि पंजाब नंबर की थार में आई उस महिला एवं पुरुष का नाम पता उनको बताया जाए ताकि वह तहरीर में लिख सकें। परंतु इतना सुनते ही एसपी सिटी सरिता डोभाल भड़क गई और आनन-फानन में दो पुलिस वालों को उस महिंद्रा थार में बैठा कर गाड़ी को रवाना करने लगी। जैसे ही छात्र छात्राओं ने गेट पर जाकर गाड़ी को रोकने का प्रयास किया, और मैंने भी पुलिस से यह सवाल किया कि पंजाब नंबर की गाड़ी में आए ये बाहरी लोग कौन है इनका नाम, पता लगाया जाए। इतने में ही एसपी सिटी सरिता डोभाल ने मुझ पर अभद्र टिप्पणी की। वहीं पुलिसकर्मियों ने मुझे धक्का देते हुए बाहर गिराया और एक सब इंस्पेक्टर ने मेरा गला दबाने का प्रयास करते हुए मुझे अपशब्द भी कहे। मेडिकल स्टूडेंट्स के शांतिपूर्ण सत्याग्रह पर हमला करने वाले बाहरी तत्वों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस छात्रों का दमन करने पर उतारू है। वहीं पंजाब नंबर की गाड़ी में आए उपद्रवियों की शिनाख्त होनी चाहिए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आंदोलन में भी पुलिस ने बीते 8 फरवरी को इसी प्रकार बर्बरता दिखाई थी। ठीक वैसे ही पुलिस मेरे साथ करना चाहती थी। उन्होंने कहा कि युवाओं, बेरोजगारों एवं अपने हक की लड़ाई के लिए पुलिस के दमनकारी रवैया के खिलाफ पुलिस शिकायत प्राधिकरण एवं मानव अधिकार की शरण में जाऊंगा। आयोजित पत्रकार वार्ता में पंकज छेत्री, कांग्रेस नेत्री सुजाता पौल, बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बांबी पंवार आदि मौजूद रहे।