यह लाख टके का सवाल है कि राहुल गांधी अपनी दाढ़ी कब कटवाएंगे? उनके सामने एक मॉडल नरेंद्र मोदी का है। नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की महामारी के समय दाढ़ी बढ़ानी शुरू की थी। तब कहा गया था कि वे पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के लिहाज से दाढ़ी बढ़ा रहे हैं। बढ़ी हुई दाढ़ी में उनको रविंद्र नाथ टैगोर की तरह बताया जा रहा है। बहरहाल, बंगाल चुनाव में भाजपा नहीं जीती और उसके बाद उनकी दाढ़ी कटाने के कयास लगने लगे। लेकिन मोदी ने एक बार में दाढ़ी कटवा लेने की बजाय धीरे धीरे अपनी दाढ़ी छोटी की। सो, राहुल गांधी के सामने भी यह मॉडल है कि वे धीरे धीरे दाढ़ी छोटी करा लें।
दूसरा तरीका यह है कि वे एक बार दाढ़ी-मूंछ कटवा लें और अपने पुराने स्वरूप में आ जाएं। इस महीने के आखिर में उनको कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने जाना है। सो, यह सस्पेंस है कि वे कैंब्रिज में इसी तरह भाषण देने जाएंगे या लुक बदलेंगे? इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी के कुछ नेता इसे धार्मिक रीति-रिवाज से जोडऩे के प्रयास में लगे हैं। वे चाहते थे कि राहुल गांधी वाराणसी जाएं और वहां गंगा के किनारे दाढ़ी बनवाएं। हालांकि पता नहीं किसी अज्ञात कारण से यह बात टल गई। ध्यान रहे राहुल गांधी ने जब दाढ़ी बढ़ाई तो असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी शक्ल सद्दाम हुसैन से मिलने लगी है। शक्ल चाहे जिससे मिलती हो लेकिन राहुल ने अभी जैसी दाढ़ी रखी है वैसी दाढ़ी वे हमेशा नहीं रखने वाले हैं। उनकी दाढ़ी कटेगी, बस समय तय नहीं है।