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टिहरी, 27 फरवरी 2025 – उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष विनय रुहेला ने गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार, नई टिहरी में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने विभिन्न विभागों से आपदा राहत इंतजामों पर विस्तृत चर्चा की और पिछले वर्ष की आपदाओं से मिले अनुभवों के आधार पर सुधार के निर्देश दिए।
आपदा से पहले तैयारियों पर जोर
उपाध्यक्ष ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत कार्यों में कोई भी कार्य लंबित न रहे और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सिर्फ पत्राचार से समाधान नहीं होगा, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई करनी होगी।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जानकारी दी कि पिछले वर्ष घनसाली, भिलंगना, बालगंगा और कीर्तिनगर में कुल 8 लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनके परिजनों को मुआवजा दिया गया। 200 परिवारों का विस्थापन किया गया, जिनके लिए स्थायी आवास निर्माण कार्य जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा।
राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति
आपदाग्रस्त क्षेत्रों के पुनर्निर्माण के लिए ₹7 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया।
मुख्यमंत्री घोषणा के तहत बूढ़ाकेदार क्षेत्र में ₹21 करोड़ के सुरक्षा कार्य जारी हैं।
गंगी गांव में 12 किमी विद्युत लाइन बिछाई जा रही है, जो अगले दो महीनों में पूरी होगी।
सड़कों के डामरीकरण और क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत के लिए अतिरिक्त बजट की मांग की गई।
शिक्षा विभाग को स्कूलों में विद्युत, पानी और सुरक्षा की निगरानी के निर्देश दिए गए।
महत्वपूर्ण निर्देश एवं नाराजगी
बीआरओ अधिकारियों की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई गई।
सड़कों से मलबा हटाने और नए आपदा संभावित क्षेत्रों को रोकने के निर्देश दिए गए।
रेलवे निर्माण से पेयजल प्रभावित होने की शिकायत पर स्थायी समाधान निकालने की बात कही गई।
अधिकारियों को सराहना और जिम्मेदारी
बैठक के अंत में उपाध्यक्ष विनय रुहेला ने जिलाधिकारी और अधिकारियों की कार्यशैली की सराहना की और “गुड गवर्नेंस” को व्यवहार में लाने पर जोर दिया।
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग
बैठक में विधायक किशोर उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, नगर पालिका अध्यक्ष मोहन सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख सुनीता देवी, अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार पांडेय सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।