रुद्रपुर, Hamarichoupal,04,01,2023
एक जनवरी 2023 से मनरेगा में लागू किए गए नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम का प्रदेश के ग्राम प्रधान संगठन ने विरोध किया है। उन्होंने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे यहां लागू न करने की मांग उठाई है। वहीं ग्राम पंचायत में मनरेगा से सिर्फ 20 ही काम कराए जाने को लेकर भी विरोध प्रकट करते हुए कई अन्य मांग उठाई हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भाष्कर सम्मल के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों ने बुधवार को जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांगें न माने जाने पर 9 जनवरी से प्रदेश के हर विकासखंड पर धरने और मनरेगा कार्य के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
डीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि मनरेगा के अंतर्गत एक जनवरी से राज्य में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति होने के कारण अधिकांश गांव में नेटवर्क नहीं है। वहीं कई किलोमीटर पैदल मार्ग हैं। ऐसे में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू करना संभव नहीं है। संगठन इसका विरोध करता है। वहीं उनका कहना था कि एमआईएस की साइट आधार एफटीओ, भुगतान की समस्या, और ग्राम प्रधानों एवं संबंधित कर्मचारियों को बिना प्रशिक्षण के ही नए सिस्टम को लागू किया जा रहा है। संगठन ने मनरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में 20 20 ही कार्य किए जाने की बाध्यता से कई फाइलों का समय से सामग्री, भुगतान एवं कुशल मजदूरी न होने के कारण कई माह तब फाइलें गतिमान रहती हैं। जबकि पूर्व में जिन फाइलों का मैटेरियल और कुशल मजदूरी भुगतान शेष रहता था उनको फिजिकली क्लोज्ड ऑप्शन के माध्यम से बंद कर दिया जाता था। जिससे कार्य ग्राम पंचायतों में सुचारू रूप से गतिमान रहे। अब इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इससे ग्राम पंचायतों में विकास की गति वर्तमान में शून्य है। वहीं केंद्रीय वित्त से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली 15 वित्त की धनराशि नहीं मिलने पर भी आक्रोश जताया। ज्ञापन में कहा गया कि ग्राम प्रधानों को कोरोना प्रोत्साहन राशि 10000 तथा ग्राम पंचायत आपदा निधि के रूप में 10000 देने की घोषणा की गई थी। यह आजतक पूरी नहीं हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगों पर पुनर्विचार नहीं किया जाता है तो 9 जनवरी 2023 को राज्य के प्रत्येक विकासखंडों में समस्त ग्राम प्रधान धरना देंगे और मनरेगा कार्य का पूर्ण बहिष्कार करेंगे। वहीं जिलाधिकारी युगल किशोर पंत ने ग्राम प्रधान संगठन की मांगों से शासन को अवगत कराते हुए उनका ज्ञापन केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भेजने का आश्वासन दिया।