हल्द्वानी, Hamarichoupal,05,12,2022
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि सदन को विधानसभा परिचालन नियमावली और परंपराओं के अनुसार नहीं चलाया जा रहा है। जिसके चलते राज्य के ज्वलंत मुद्दों को विधायक सदन में नहीं उठा पा रहे हैं। आर्य ने कहा कि सदन में सवालों के जवाब देने से बचना दर्शाता है कि सरकार के पास अपने 8 माह के कार्यकाल में गिनाने लायक कोई उपलब्धि नहीं है। सत्र दो दिन में समाप्त कर सरकार अपनी नाकामियां छिपा रही है। यशपाल आर्य ने सोमवार को हल्द्वानी के मुखानी स्थित होटल में पत्रकार वार्ता की। कहा कि कांग्रेस पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो सदन में आक्रामक नहीं दिखी। जबकि, प्रदेश की आम जनता से जुड़ी हर समस्या को सदन में उठाने का पूरा प्रयास किया गया। विधायकों ने 619 प्रश्न लगाए थे। कांग्रेस के 19 विधायकों ने राज्य की ध्वस्त होती कानून व्यवस्था को लेकर सवाल किए। लेकिन, भाजपा सरकार को ये सब नहीं दिखाई दिया। उसकी नजरों में सदन में हंगामा करना, व्यवधान उत्पन्न करना ही आक्रामकता है। आर्य ने कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर हमला किया। कहा कि लोगों में डर का माहौल है। विधायक आदेश चौहान को डराना-धमकाना, जसपुर में महिला की हत्या हो जाना, देहरादून में विपिन रावत हत्याकांड, अंकिता भंडारी मामले में वीआईपी का खुलासा न कर पाना, बिगड़ती कानून व्यवस्था के उदाहरण हैं। गृह विभाग के आंकड़ों का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि उत्तराखंड में 8 माह में 269 महिलाओं का अपहरण, 139 महिलाओं की हत्या, 554 महिलाओं से दुष्कर्म हुआ है। इसके अलावा रंगदारी, चोरी, डकैती जैसे मामले भी हुए हैं। विधानसभा सत्र में कानून व्यवस्था को लेकर 3 घंटे चर्चा हुई। विधायकों ने कई सवाल उठाए। मगर, संसदीय कार्यमंत्री पुलिस की पीठ थपथपाने में लगे थे। इतना ही नहीं लॉबी से एक वरिष्ठ अधिकारी के कहने पर सत्तापक्ष के विधायकों ने ताली तक बजा दी। पत्रकार वार्ता में विधायक सुमित हृदयेश, जिलाध्यक्ष नैनीताल राहुल छिमवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, प्रदेश महासचिव महेश शर्मा आदि मौजूद रहे।