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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अब सुबह-शाम ठंड का अहसास होने लगा है

देहरादूूून ,24,09,2021,Hamari Choupal

 

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अब सुबह-शाम ठंड का अहसास होने लगा   है। इन दिनों मौसम सुहावना हो गया है। धूप और बादलों की लुका-छिपी भी आए दिन दिख रही है। वहीं शुक्रवार को देहरादून में बादल छाए हुए हैं।
बदरीनाथ में बारिश के बाद शुक्रवार तड़के ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई है। यहां नीलकंठ, उर्वशी, नर-नारायण और माणा पर्वत चोटियों पर बर्फबारी हुई है। जिससे बदरीनाथ में अब कड़ाके की सर्दी पड़ने लगी है। बदरीनाथ हाईवे मलबा आने से सेलंग और जोशीमठ के बीच में बंद हो गया था। जिसे बाद में खोल दिया गया। उत्तरकाशी जिले में बारिश का सिलसिला जारी है। यमुनोत्री हाईवे कल्याणी के पास भूस्खलन से अवरुद्ध हो गया है और गंगोत्री हाईवे पर यातायात सुचारू है। वहीं नौगांव-पौंटी-राजगढी मोटर मार्ग पर जगह-जगह मलबा आने और भू-धंसाव के कारण सड़क गुरुवार रात से बंद है

दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुश्ता ढहा

विगत दो दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते देहरादून जिले के कालसी तहसील मुख्यालय के निकट गुरुवार की देर शाम दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुश्ता ढह गया। जिससे मार्ग लगभग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। दोपहिया वाहन चालक तथा हल्का वाहन चालक जोखिम पूर्ण परिस्थितियों में यहां से वाहन निकालने को मजबूर हैं। उपरोक्त राष्ट्रीय राजमार्ग दिल्ली से यमुनोत्री को जोड़ने के अतिरिक्त देहरादून को चकराता, त्यूणी सहित समस्त जौनसार बावर क्षेत्र के अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, रवाई जौनपुर, मसूरी आदि क्षेत्रों को भी जोड़ता है।

गोपेश्वर: पांच दिनों से बंद पड़ी घाट-सुतोल सड़क

भारी बारिश से मलबा आने से दूरस्थ गांव सुतोल को यातायात से जोड़ने वाली घाट-सुतोल सड़क पांच दिनों से बंद पड़ी है। सड़क बंद होने से सुतोल, तातड़ा, सुगढ़ सहित आसपास के गांवों के ग्रामीण दस से 15 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर रहे हैं। 19 सितंबर को घाट क्षेत्र में हुई बारिश से सुतोल सड़क पेरी पुल, पंजातोंखा और उफ्ठर बैंड में भूस्खलन होने से बंद हो गई थी, जिसे अभी तक खोला नहीं गया है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी जब सड़क नहीं खुली तो गुरुवार को ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क पर फैले मलबे को हटाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों को कामयाबी नहीं मिली है।
ग्रामीण हिम्मत सिंह, मेहरबान सिंह, बादल सिंह, कमल सिंह, ताजवर सिंह और रघुवीर का कहना है कि कई बार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कहने के बावजूद सड़क की दशा नहीं सुधारी जा रही है। सड़क भूस्खलन से कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है। उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों से शीघ्र सड़क खोलने की मांग उठाई।

लोगों ने की सुरक्षात्मक कार्य कराने की मांग

टिहरी बांध झील का जलस्तर बढ़ने से चिन्यालीसौड़ में झील के तटवर्ती इलाकों में भूस्खलन व भूधंसाव सक्रिय हो गया है, जिससे इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों में भय का माहौल बन रहा है। जोगत रोड के व्यापारियों का कहना है कि टीएचडीसी ने झील निर्माण के 15 साल बाद भी आवासीय बस्तियों में सुरक्षात्मक कार्य नहीं किए हैं।

व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल पूर्व पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड, ब्रह्मानंद बिजलवाण, विजय प्रकाश भट्ट ,विजयपाल रावत ,कृपाल रावत, गंभीर कलूड़ा, सतवीर राणा, ध्रुव प्रसाद ने कहा कि अगर टीएचडीसी ने समय से सुरक्षात्मक कार्य किए होते, तो आज लोगों को परेशानी नहीं उठानी पड़ती। टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना का कहना है कि झील के 853 मीटर लेवल तक के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है। इससे नीचे की लेवल की सभी संपत्तियों का भुगतान किया गया है। यहां जो भी रह रहे हैं अवैध है।

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