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प्रदेश के अस्तित्व को बचाने के लिए भू-कानून की लड़ाई जरूरी :  दिवाकर भट्ट

03,08,2021,Hamari Choupal

 

श्रीनगर गढ़वाल। उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने कहा कि राज्य के अस्तित्व को बचाने के लिए भू-कानून की लड़ाई जरूरी है। कहा यदि हम चूक गए तो अपनी ही जमीन पर नौकर हो जाएंगे, और हमारी जमीनों को खरीदने वाले लोग मालिक हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि उक्रांद सत्ता में यदि मजबूत स्थिति में आती है तो उद्योगों में 80 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।

गढ़वाल मंडल विकास निगम में पत्रकारों से बातचीत में भट्ट ने कहा कि सरकार ने डीएम को साढ़े बारह एकड़ जमीन देने का जो अधिकार दिया है वह रद्द होना चाहिए। यदि यही स्थिति रहेगी तो राज्य के अपने ही लोगों के सामने जमीन का भारी संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण का मुख्य मुद्दा पलायन को रोकना था, लेकिन रोकने के बजाय पलायन तेजी से बढ़ गया है।

उन्होंने रेलवे निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बताया। कहा उक्रांद बेरोजगार के खिलाफ मुखर होकर सामने आएगा। सत्ता में आने पर राज्य के गांव-गांव में दून कल्चर को मात देने वाले अच्छे स्कूल, अच्छे अस्पताल खोले जाएंगे। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि जनता ने राज्य निर्माण में अहम भूमिका वाले उक्रांद के बजाय सत्ता उनके हाथों में दे दी जिनके कारण राज्य आंदोलनकारियों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। मौके पर उक्रांद नेता विजयंत सिंह निजवाला, रंजन रतूड़ी, कीर्तिराम जुगराण, रवि दत्त बलूनी आदि मौजूद रहे।

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