18,09,2021,Hamari Choupal,,(आरएनएस)
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अरविंद कुमार यादव ने नाबालिग 11 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने व हत्या करने के आरोपी वीरेन्द्र बघेल को सज़ा ए मौत की सज़ा सुनाई।
मामला थाना लाइनपार से जुड़ा है। 25 अप्रैल 2019 को वीरेन्द्र बघेल पुत्र हरिराम उर्फ हरी सिंह निवासी संतनगर थाना लाइनपार फिरोजाबाद एक 11 वर्षीय बालिका को ले गया और थाना बसई मोहम्मद पुर क्षेत्र में उसके साथ दुष्कर्म किया जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपी ने बच्ची की मौत के बाद भी दुष्कर्म किया और पहचान छिपाने के लिए ईंटों से उसका चेहरा कुचल दिया। पुलिस ने अभियोग दर्ज करने के बाद आरोपी की निशानदेही पर लाश को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया और तमाम विवेचना के उपरांत आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। फिरोजाबाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पोक्सो प्रथम अरविन्द कुमार यादव द्वितीय ने अभियुक्त पर आरोप लगाया जिसने आरोप से इंकार करते हुए परीक्षण की मांग की।
न्यायालय में 11 गवाहों ने गवाही दी। शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक पोक्सो कमल सिंह ने उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय की तमाम नजीरें पेश की। न्यायाधीश अरविन्द यादव ने अपने निर्णय में कहा कि अभियुक्त द्वारा किये गए कृत्य परिकल्पना में राक्षसी क्रियान्वयन में क्रूर है। कृतियों को न केवल बर्बर, पाश्र्विक बल्कि अमानवीय भी है जिसके लिए अभियुक्त को कोई पश्चाताप भी नहीं है। घटना के समय पूर्ण व्यस्क अभियुक्त के अंदर सामान्य मानवता भी नहीं थी। उसका मस्तिष्क पूर्णतः शून्य हो गया है जो किसी प्रकार से सुधार से परे है। जिस जघन्यता व क्रूरता से उस असहाय 11 वर्षीय बच्ची का सर ईंटों से कुचला गया है, वह अभियुक्त द्वारा किये गए कृत्य की पशुता को दर्शित करता है। अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य मानवता को शर्मसार करने वाला है और उसका कृत्य विरल से विरलतम श्रेणी में आता है। न्यायाधीश ने कहा है कि अभियुक्त को म्रत्यु दंड देने पर ही न्याय सम्भव है ताकि समाज स्वयं को और अपने बच्चों को ऐसे नरपिशाचों से बचा सके। न्यायाधीश यादव ने धारा 302 आईपीसी तथा 376 ए बी सपथित 3(2) (5) एस0सी0 एस0टी0 एक्ट में मृत दंड देते हुए कहा कि अभियुक्त वीरेन्द्र बघेल को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाय जब तक उसका दम न निकल जाये।