रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। बीते सात दिनों से वन बीट अधिकारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर वन प्रभाग कार्यालय में धरना दे रहे हैं किंतु उनकी मांगों पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है जिससे वन बीट अधिकारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उधर, कार्यबहिष्कार के चलते अब जंगलों में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुधवार को भी सुबह वन बीट अधिकारी डीएफओ कार्यालय परिसर में एकत्र हुए जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया। सातवें दिन भी धरना देते हुए उन्होंने शीघ्र कार्यवाही न होने प उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। सभा को संबोधित करते हुए वन बीट अधिकारियों ने कहा कि जब तक पांच सूत्रीय मांगों पर कार्यवाही नहीं हो जाती, हड़ताल जारी रहेगी। उत्तराखंड अधीनस्थ वन सेवा नियमावली 2016 को पुनः लागू किया जाए, जबकि तीन वित्तीय वर्षों में दस वर्ष की संतोषजनक सेवा पूरी कर चुके वन आरक्षियों को पदोन्नति देने, वन आरक्षियों की वर्दी नियमों में संशोधन करने, एक माह का अतिरिक्त वेतन व आहार भत्ता देने, वन आरक्षी चौकियों का मकान भत्ता कटौती नहीं करने की मांग की जा रही है। मांगों को लेकर बार-बार आश्वासन के बाद भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शासन से बीते 14 फरवरी को संगठन के पदाधिकारियों के साथ वार्ता हुई थी। जबकि शासन द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था। संगठन ने निर्णय लिया है कि जब तक लिखित आश्वासन या शासनादेश जारी नहीं होता, तब तक धरना व कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। वन बीट अधिकारियों के कार्य बहिष्कार के चलते फायर सीजन से पहले ही जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं होने लगी है। साथ ही फायर सीजन के पहले चरण में वनाग्नि के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। हड़ताल पर बैठे कर्मियों के कारण विभागीय कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। विशेष रूप से वनाग्नि की घटनाओं से निपटने में विभाग को भी मुश्किलें आने लगी है। धरना देने वालों में वन बीट अधिकारी आशुतोष पुरोहित, प्रियांशु भंडारी, विद्या रावत, हीरा राणा, गौरव पुरोहित, अजय सेमववाल, प्रियांशु भंडारी, अजय सेमवाल, कुलजीत सिंह, पूनम आदि मौजूद थे।
जंगलों में लगने लगी आग, आंदोलन पर डटे हैं वन बीट अधिकारी
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