इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल ने देश के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हमने आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और उत्तराखंड भी इस विकास यात्रा में सकारात्मक योगदान दे रहा है।”
राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों और प्रदेशवासियों के परिश्रम से उत्तराखंड न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास के नए आयाम छू रहा है, बल्कि वह देश के अग्रणी राज्यों में अपनी जगह बनाने के लिए भी कदम बढ़ा रहा है।
उन्होंने प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों का उल्लेख करते हुए कहा कि “उत्तराखंड को योग, आयुर्वेद, हनी, अरोमा और वेलनेस जैसे क्षेत्रों में विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। हमें इन क्षेत्रों का बेहतर उपयोग कर आर्थिक अवसरों में बदलने की दिशा में कार्य करना होगा।”
महिलाओं और बेटियों की क्षमताओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि “उत्तराखंड की मातृशक्ति ने प्रदेश को हमेशा नई ऊर्जा और दिशा दी है। मुझे पूरा विश्वास है कि महिलाएं अपने कौशल से प्रदेश की संभावनाओं को अवसरों में बदलकर नई ऊचाइयों तक पहुंचाएंगी।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य स्थापना के अवसर पर दिए गए नौ आग्रहों का भी उल्लेख करते हुए सभी प्रदेशवासियों से अपील की कि वे इन आग्रहों को नौ संकल्प में बदलते हुए एक समृद्ध और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के निर्माण में योगदान दें।
राज्यपाल ने सभी उत्तराखंडवासियों से आग्रह किया कि इस वर्ष वे पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ राज्य को विकास और प्रगति की नई ऊचाईयों पर ले जाने का संकल्प लें।